सरकार VS विपक्ष: सरकार पर विपक्षी दलों का आरोप- बिल सांसदों ने नहीं, मार्शल लॉ ने पास किया; BJP बोली - राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस ने संसद से सड़क तक अराजकता फैलाई
By: Pinki Thu, 12 Aug 2021 1:06:08
लोकसभा और राज्यसभा में लगातार हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 13 अगस्त की बजाय 11 अगस्त को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में 28% और लोकसभा में 22% कामकाज हुआ। लोकसभा में 96 घंटे में से 74 घंटे बर्बाद हो गए। संसद में आखिरी दिन यानी बुधवार को राज्यसभा में जो हुआ, उसे लेकर सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया। राहुल के अलावा शिवसेना, राकांपा, राजद, समाजवादी पार्टी, DMK व अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि राज्यसभा में बुधवार को लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।
वहीं, मानसून सत्र खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। राहुल गांधी ने के पैदल मार्च के बाद भाजपा पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं। जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।
उन्होंने कहा कि संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया, जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है। वो भी अस्पताल में है। ये वही विपक्षी हैं, जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए। मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि सदन में मर्यादा का उल्लंघन किया गया। उसकी गरिमा को चोट पहुंचाई गई। इसके लिए सिर्फ सभापति वेकैंया नायडू की आखों में आंसू नहीं आए, बल्कि उस दिन लोकतंत्र की आंखें भी नम थीं।
सरकार पर विपक्षी दलों का आरोप
कांग्रेस
राहुल गांधी ने कहा- मानसून सत्र खत्म हो गया है। हमने पेगासस का मुद्दा उठाया। सरकार से कहा कि इस पर बहस की जाए, पर सरकार ने डिबेट से मना कर दिया। हमें संसद में नहीं बोलने दिया गया। देश के 60% लोगों की आवाज नहीं सुनी गई। संसद में हमें नहीं सुना गया इसलिए हम लोग यहां आए हैं। राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। उनसे धक्का-मुक्की की गई। प्रधानमंत्री मोदी देश और देश की आत्मा को बेच रहे हैं।
राकांपा
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि संसद का सत्र शर्मनाक रहा है। शरद पवारजी ने राज्यसभा की प्रोसीडिंग पर टिप्पणी की है और कहा है कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को कभी नहीं देखा है।
समाजवादी पार्टी:
विशंभर निषाद ने कहा कि जिस तरह संसद में मार्शल लगाए गए, हमारी महिला सांसदों से धक्का-मुक्की की गई। विपक्ष पेगासस, किसान बिल और महंगाई पर चर्चा चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया।
राजद:
मनोज झा ने कहा कि हम यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि संसद में नहीं बोलने दिया गया। इंश्योरेंस बिल संसद ने नहीं पास किया, मार्शल लॉ ने पास किया है। हम बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन विपक्ष की आवाज को दबाया गया।
DMK:
सरकार जबरन इंश्योरेंस बिल पास कराना चाह रही थी। संसद की ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी। हमारी महिला सांसदों को घसीटा गया।
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