पूर्व मंत्री महेश जोशी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के मामले में तीन दिनों की अंतरिम जमानत मिल गई है। विशेष अदालत के न्यायाधीश खगेंद्र कुमार शर्मा ने इस आदेश को पारित किया, जिसके तहत जोशी को 8 से 10 मई तक की अंतरिम जमानत दी गई है। यह जमानत उन्हें अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार और अन्य रीति-रिवाजों के लिए दी गई है। महेश जोशी की ओर से उनकी ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने पैरवी की थी और कुल नौ दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने केवल तीन दिनों की अनुमति दी।
महेश जोशी को राजस्थान के जल जीवन मिशन (JJM) के 900 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के आरोप में ईडी ने 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें चार दिन की रिमांड पर भेजा गया था। जांच एजेंसी ने पहले ही इस मामले में कई ठेकेदारों, अफसरों और दलालों से पूछताछ की थी। महेश जोशी पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये के टेंडर में अनियमितताएं हुईं और बिचौलियों के जरिए रिश्वत का लेन-देन हुआ।
महेश जोशी की पत्नी, कोशल देवी, का 28 अप्रैल को निधन हो गया था। वे पिछले कई दिनों से मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती थीं और किडनी सहित गंभीर बीमारियों का इलाज करवा रही थीं। ब्रेन हेमरेज के कारण वे कुछ दिनों से अचेत अवस्था में थीं।
27 अप्रैल को ईडी ने महेश जोशी को अपनी पत्नी से आखिरी मुलाकात के लिए अस्पताल भेजा था, इसके लिए अदालत से अनुमति ली गई थी। जोशी के वकील ने अदालत में 12 दिन की पेरोल की मांग की थी, लेकिन अदालत ने केवल 7 दिन की अंतरिम जमानत दी थी।