कर्नाटक चुनाव 2018: कांग्रेस शासन में कर्नाटक की विकास दर 8 फीसदी रही : पी. चिदंबरम
By: Priyanka Maheshwari Wed, 09 May 2018 08:57:33
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने 12 मई के कर्नाटक विधानसभा चुनाव कांग्रेस के पक्ष में प्रचार के दौरान मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के पिछले पांच वर्षो के शासन के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत रही है। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस के पांच साल के स्थिर शासन के दौरान कर्नाटक के जीएसडीपी की वृद्धि दर आठ प्रतिशत वार्षिक रही है जो वित्तवर्ष 2013-14 के 6,43,292 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्तवर्ष 2017-18 में 9,49,111 करोड़ रुपये रहा।"
उन्होंने कहा कि राज्य में एक औसत नागरिक पांच साल पहले के मुकाबले आज अधिक धनी है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय 125 प्रतिशत बढ़कर 1,74,551 रुपये हो गया, जो 2013 में 77,309 रुपये था। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर 59 प्रतिशत है।
चिदंबरम ने कहा, "राज्य का एक गंभीर व्यापक आर्थिक रिकॉर्ड है, जहां औसत राजकोषीय घाटा 2.26 प्रतिशत है, जबकि औसत राजस्व अधिशेष 0.08 प्रतिशत है।" उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी भी अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर यानी 2.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 5.9 प्रतिशत है।
चिदंबरम ने 40 वर्षो के दौरान पहली बार पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तारीफ की। इसके पहले 70 के दशक के अंत में डी. देवराज अर्स ने राज्य में बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। उन्होंने कहा कि विकास और कल्याणकारी योजनाएं दोनों साथ-साथ चली हैं, जो इस बात से स्पष्ट होता है कि सामाजिक क्षेत्र पर 40 प्रतिशत खर्च किए गए।
उन्होंने कहा, "इसके विपरीत भाजपा ने अपने पांच साल के कार्यकाल 2008-13 के दौरान जनता को एक कमजोर और अस्थिर सरकार दिए थे, जिसके तीन मुख्यमंत्री रहे थे।" भाजपा को वोट न देने की जनता से अपील करते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि इस बार इस पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कुछ अयोग्य लोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "2008-2013 के समय को किसी ने भुलाया नहीं है। जनता ने भाजपा को 110 सीटें दी थीं। बदले में लोगों को क्या मिला था? राज्य के इतिहास में सबसे बुरी सरकार।"
चिदंबरम ने अगली सरकार के सामने खड़ी दोहरी चुनौतियों के बारे में कहा कि इसमें पहली चुनौती वृद्धि की रफ्तार बनाए रखने और दूसरी चुनौती आरएसएस-भाजपा की साजिश का मुकाबला करने की होगी, क्योंकि आरएसएस-भाजपा संघीय व्यवस्था को तोड़ने, राज्य को कमजोर करने और एक इतिहास, एक संस्कृति, एक धर्म, एक भाषा और एक आचरण संहिता के अपने एजेंडे को लागू करने को आमादा है।
कांग्रेस का बांटो और राज करो की नीति में भरोसा है : पीएम मोदी
नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कर्नाटक के बीजापुर में चुनावी सभा की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का बांटो और राज करो की नीति में भरोसा है। वह भाई से भाई को लड़ा रही है। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी का कर्नाटक से सफाया हो जाएगा।"
कांग्रेस के लिए क्यों अहम है कर्नाटक?
- सिर्फ 4 राज्यों में कांग्रेस की सरकार:कर्नाटक, पंजाब, मिजोरम और पुड्डुचेरी (केंद्र शासित)। इनमें कर्नाटक आबादी और क्षेत्रफल दोनों मामलों में सबसे बड़ा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां अपनी सरकार बचाना काफी अहम है।
कर्नाटक के बाद 3 राज्यों में चुनाव
- कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी कर्नाटक में अपनी सरकार बचा लेते हैं तो इसका फायदा उन्हें अन्य राज्यों में भी मिलेगा। 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी कर्नाटक के चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।