श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों को बड़ी सफलता मिली है। शोपियां जिले में पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
शोपियां पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी कि एसओजी शोपियां, सीआरपीएफ की 178वीं बटालियन और सेना की 34 आरआर यूनिट की संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। तलाशी के दौरान चार हथगोले, दो पिस्तौल, 43 जिंदा कारतूस और कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई हैं। दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।
आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू के खिलाफ अभियान तेज
शोपियां में हुई इस कार्रवाई को घाटी में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे व्यापक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। सुरक्षाबलों ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों, ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है।
पिछले सप्ताह शोपियां और पुलवामा में हुए ऑपरेशनों में छह आतंकवादी ढेर किए गए थे, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा का एक ऑपरेशनल कमांडर भी शामिल था।
पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिसमें एक स्थानीय नागरिक भी शामिल था। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक कर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर जवाबी मोर्टार गोलाबारी की, जिससे पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा में कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। हालांकि, भारतीय सेना ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
सीजफायर के बाद सीमाई स्थिति
12 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता हुआ, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इसका उल्लंघन भी देखा गया। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों से सीमाओं पर शांति बनी हुई है।
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सीजफायर तब तक कायम रहेगा, जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह समाप्त नहीं करता।
यह ऑपरेशन भारत की कड़ी सुरक्षा नीति और आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति का प्रमाण है।