जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बुधवार शाम केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए। इन कदमों में सिंधु जल समझौता रोकने और अटारी बॉर्डर बंद करने का निर्णय लिया गया, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान अपनी सैन्य तैयारियां तेज करते हुए सतह से सतह में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी कर रहा था, ताकि वह भारत को यह संदेश दे सके कि वह युद्ध के मोर्चे पर तैयार है। लेकिन पाकिस्तान इस परीक्षण की तैयारी कर ही रहा था, उससे पहले भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने युद्धपोत INS सूरत से मिसाइल प्रणाली "MR-SAM" का सफल परीक्षण कर पाकिस्तान को अपनी ताकत दिखा दी।
पाकिस्तान जहां सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने वाला था, वहीं भारतीय नौसेना ने समुद्र के ऊपर तेजी से उड़ने वाले टारगेट पर MR-SAM मिसाइल प्रणाली से सटीक निशाना साधा और उसे नष्ट कर दिया। MR-SAM प्रणाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और अन्य हवाई लक्ष्यों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है।
#WATCH | Indian Navy's latest indigenous guided missile destroyer INS Surat successfully carried out precision cooperative engagement of sea skimming target marking another milestone in strengthening our defense capabilities.
— ANI (@ANI) April 24, 2025
(Source: Indian Navy) pic.twitter.com/qs4MZTCzPS
अरब सागर में मिसाइल से सटीक निशाना
इस परीक्षण के बाद भारतीय नौसेना ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक INS Surat ने समुद्र में एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया, जो हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है।' एक बयान में भारतीय नौसेना ने बताया कि INS सूरत ने समुद्र में स्थित लक्ष्य पर सटीक हमला किया, जिससे भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताओं को एक नया विस्तार मिला।
स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर
नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, और यह रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की अडिग प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है, जो देश के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए तैयार है। INS सूरत पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे बड़े और अत्यधिक उन्नत विध्वंसकों में से एक है। इसमें 75% स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है। इससे पहले, भारतीय नौसेना के जहाज INS चेन्नई और INS केसरी ने भी AIKEYME अभ्यास के पहले संस्करण के सफल समापन के बाद दार एस सलाम से यात्रा की थी।