आज बुझ जाएगी इंडिया गेट पर 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति, अब नेशनल वॉर मेमोरियल में जलेगी
By: Pinki Fri, 21 Jan 2022 09:41:03
देश की राजधानी दिल्ली में 50 साल से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करके अब नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्जवलित किया जाएगा। शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे इसकी लौ को वॉर मेमोरियल की ज्योति में ही समाहित कर दिया जाएगा। बता दे, दिसंबर 2021 में भारत पाकिस्तान के 1971 युद्ध के 50 साल पूरे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक ज्योति पहले से मौजूद होने की वजह से ऐसा किया जा रहा है। अमर जवान ज्योति को 1971 में पाकिस्तान पर भारत की बड़ी जीत के बाद युद्ध स्मारक में शामिल किया गया था।
इंडियन आर्मी के एक अफसर के मुताबिक, अमर जवान ज्योति की मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ में ही समाहित करने के लिए शुक्रवार को एक समारोह आयोजित किया गया है। समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। युद्ध स्मारक में देश के लिए शहीद होने वाले 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं।
अमर जवान ज्योति : कब, कहां और क्यों जलाई गई?
- अमर जवान ज्योति दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक, इंडिया गेट के नीचे स्थित है। इंडिया गेट को अंग्रेजों ने 1921 में बनवाया था, उन 84,000 सैनिकों की याद में जो पहले विश्व युद्ध और बाद में शहीद हुए।
- 3 दिसंबर से 16 दिसंबर, 1971 तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चला। भारत की निर्णायक जीत हुई और बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इस पूरे अभियान के दौरान, भारत के कई वीर जवानों ने प्राणों का बलिदान किया।
- जब 1971 युद्ध खत्म हुआ तो 3,843 शहीदों की याद में एक अमर ज्योति जलाने का फैसला हुआ। जगह चुनी गई इंडिया गेट। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को (भारत का 23वां गणतंत्र दिवस) अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया।
समर्पण और बहादुरी का प्रतीक है अमर जवान ज्योति
- अमर जवान ज्योति एक काले मार्बल का फलक है जिसके चारों तरफ स्वर्णाक्षरों में 'अमर जवान' लिखा हुआ। इसके ऊपर एक L1A1 सेल्फ लोडिंग राइफल रखी है और उसपर एक सैनिक का हेलमेट किसी मुकुट की तरह रखा गया है।
- इस फलक के चारों तरफ कलश रखे हुए हैं, जिनमें से एक में ज्योति 1971 से जली आ रही है। यूं तो चारों कलशों में ज्योति जलती है मगर पूरे साल भर चार में से एक ही ज्योति चलती रहती है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर चारों कलशों की ज्योति जलाई जाती है। अमर जवान ज्योति पर सेना, वायुसेना और नौसेना के सैनिक तैनात रहते हैं।
- 1971 के 2006 के बीच, ज्योति जलाने के लिए LPG का इस्तेमाल होता था। उसके बाद से सीएनजी इस्तेमाल की जानी लगी।