प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने वाला बिल संसद के शीतकालीन सत्र में होगा पेश

By: Pinki Tue, 23 Nov 2021 11:12:47

प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने वाला बिल संसद के शीतकालीन सत्र में होगा पेश

केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने का प्रावधान है। हालांकि, क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा। शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे।

अभी क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे। सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टैरर फंडिंग और काला धन की आवाजाही में हो रहा है।

पीएम की बैठक के बाद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाले पार्लियामेंट्री पैनल की पहली बैठक हुई थी। इस बैठक में आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए।

पिछले दिनों राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कर दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है। इनमें से कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं। बजाज ने बताया, 'हम निर्णय लेंगे। मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर कर चुका रहे हैं। अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं। लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी। हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा।'

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया था। दास ने SBI कॉन्क्लेव में कहा था, 'जब RBI ये कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी से मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहरी चर्चा की जरूरत है।'

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