संदेशखाली मामले पर ममता सरकार पर गरजी अदालत, 100 प्रतिशत उनकी जिम्मेदारी
By: Rajesh Bhagtani Thu, 04 Apr 2024 4:40:40
कोलकाता। संदेशखाली हिंसा को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बंगाल सरकार को फटकार लगाई। मामले को "बेहद शर्मनाक" बताते हुए अदालत ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि अगर "किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है" तो यह उनकी "100% ज़िम्मेदारी" है।
उच्च न्यायालय ने कहा, "संदेशखाली में जो हुआ वह बेहद शर्मनाक है। संदेशखाली में जो हुआ उसके लिए पूरा जिला प्रशासन और सत्तारूढ़ दल नैतिक जिम्मेदारी लेता है। यदि किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो 100% जिम्मेदारी सत्तारूढ़ दल की है; सरकार जिम्मेदार है।"
सुनवाई के दौरान कथित यौन हिंसा और जमीन हड़पने के मामले में स्वत: संज्ञान मामले में याचिकाकर्ता वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि उन्हें संदेशखाली से कई शिकायतें मिली हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ, वह पूरी तरह से शर्मनाक है। वहां जो कुछ भी हुआ उसकी नैतिक जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सत्ताधारी दल की है। कोर्ट ने बंगाल सरकार से आगे कहा, ''अगर किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो 100 फीसदी जिम्मेदारी सत्तारूढ़ दल की है।''
कलकत्ता हाई कोर्ट संदेशखाली से जुड़े एक जनहित मामले की सुनवाई कर रहा था। मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस मामले में दायर कुल पांच जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने सख्त लहजे में शाहजहां के वकील से कहा, ''आप एक आरोपी शख्स की ओर से सवाल पूछ रहे हैं। पहले अपने आसपास के साए से छुटकारा पाएं। उसके बाद दूसरे के बारे में बात करें।''
ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली इलाके की कई महिलाओं ने दो महीने पहले तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन नेता शाहजहां शेख समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद भाजपा, कांग्रेस नेताओं ने टीएमसी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। कई महीनों तक भाजपा और कांग्रेस टीएमसी पर हमलावर रहे। इसके बाद शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया।