प्रियंका Vs पुलिस, बदसलूकी या फिर झूठ, जानें बीते दिन का पूरा घटनाक्रम
By: Pinki Sun, 29 Dec 2019 11:43:58
यूपी पुलिस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। प्रियंका गांधी ने कहा है 'कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाकर लखनऊ में रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने जा रही थीं। प्रियंका गांधी ने कहा मैं अपना प्रोग्राम खत्म करके, बगैर किसी को कहे ताकि तमाशा न हो और डिस्टर्बेंस न हो, हम 4-5 लोग गाड़ी में बैठकर यहां आ रहे थे दारापुरी जी के परिवार से मिलने। रास्ते में पुलिस एक गाड़ी आई और उन्होंने हमारी गाड़ी के आगे रोक दी। उन्होंने हमसे कहा कि आप नहीं जा सकते। हमने पूछा कि क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा हम आपको जाने नहीं देंगे। मैं गाड़ी से उतर गई और पैदल जाने लगीं तो पुलिसकर्मियों ने मुझे घेर लिया। मेरा गला दबाया, मुझे पकड़कर धकेला। ऐसा एक महिला पुलिसकर्मचारी ने किया। मैं गिर गई, उसके बाद मैं फिर चलती रही। थोड़ी देर बाद फिर मुझे रोका, फिर मुझे पकड़ा। उसके बाद मैं अपने कार्यकर्ता के साथ टूवीलर पर बैठकर चली गई। उसके बाद उन्होंने टूवीलर को भी घेरा। मैं फिर पैदल यहां तक आई हूं।'
आपको बता दे, दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। यह मेरा सत्याग्रह है। बीजेपी सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी और कहां नहीं जाऊंगी, ये बीजेपी सरकार तय नहीं करेगी। दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद उनके घर से निकलीं प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था, ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आएं। फिर भी मेरी गाड़ी रोकी गई। तब मैं पैदल चलने लगी। इनके पास मुझे रोकने का कोई हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।" यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को लगता है कि आपकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है? प्रियंका ने कहा "सबकी राजनीति को खतरा है।"
इस पूरी घटना लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथिनी ने कहा कि मॉर्निंग इंचार्ज डॉक्टर अर्चना सिंह ने अडिशनल सुपरींटेंडेंट को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जहां उन्होंने बताया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की गाड़ी तय रूट पर नहीं जा रही थी, किसी अन्य रूट पर थी।
वही प्रियंका ने जिस महिला पुलिस अधिकारी पर बदसलूकी का आरोप लगाया है उनकी ओर से भी सफाई आ गई है। यूपी पुलिस की महिला अधिकारी (सीओ, हजरतगंज) अर्चना सिंह ने कहा कि यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा) की फ्लीट इंचार्ज थी। प्रियंका गांधी ने पहले से तय रास्ते से न जाकर दूसरे रास्त पर पहुंच गईं। इसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके काफिले को रोकना पड़ा। अर्चना सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का गला पकड़ना और उन्हें गिराने जैसी कुछ भ्रामक बातें प्रसारित किया जा रहा है जो की पूरी तरह झूठी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ईमानदारी से अपने ड्यूटी को निभाया।
बता दे, कुछ समय बाद प्रियंका गांधी अपने 'गला दबाने' वाले बयान से पलट गईं। उन्होंने इस बार 'गला दबाने' की जगह 'गले पर हाथ' लगाने की बात कही।
इस पूरी घटना को बीजेपी ने 'नौटंकी' बताया है। बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि पूरा परिवार झूठ पर फल-फूल रहा है। इस तरह के काम से उन्हें सिर्फ अस्थायी पब्लिसिटी मिलेगी वोट नहीं। प्रियंका वाड्रा की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।