वक्फ पैनल की बैठक में अफरा-तफरी, तृणमूल सांसद ने गुस्से में बोतल तोड़ी, हाथ हुआ घायल
By: Rajesh Bhagtani Tue, 22 Oct 2024 8:04:54
नई दिल्ली। मंगलवार को वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कांच की पानी की बोतल तोड़कर अपना हाथ घायल कर लिया। सूत्रों ने बताया कि यह घटना भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और कल्याण बनर्जी के बीच तीखी बहस के दौरान हुई।
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बनर्जी को वक्फ बिल पैनल की अगली बैठक से निलंबित कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि यह फैसला मतदान के जरिए लिया गया और तृणमूल सांसद के निलंबन के पक्ष में नौ और विपक्ष में सात वोट पड़े।
सूत्रों के अनुसार, तृणमूल सांसद ने कांच की पानी की बोतल उठाकर टेबल पर दे मारी और गलती से खुद को चोटिल कर लिया। बनर्जी को चार टांके लगाने पड़े। बाद में उन्हें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए देखे गए।
इस घटना के कारण संसदीय सौध में आयोजित बैठक को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा।
भाजपा के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुन रही थी, तभी विपक्षी सदस्यों ने मामले में उनकी हिस्सेदारी पर सवाल उठाए। सूत्रों ने बताया कि कल्याण बनर्जी ने अपनी बारी से पहले ही बोलना शुरू कर दिया, क्योंकि वह कोई मुद्दा उठाना चाहते थे। हालांकि, भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस पर आपत्ति जताई। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद बनर्जी ने उनके खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे मौखिक झड़प हो गई।
पैनल की बैठकों में भाजपा सांसदों और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक और बहसबाजी देखने को मिली है। पिछले सप्ताह भी कल्याण बनर्जी की भाजपा सांसदों निशिकांत दुबे, दिलीप सैकिया, अभिजीत गांगुली के साथ तीखी नोकझोंक हुई थी। विपक्ष ने भाजपा सांसदों पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और बैठक से बाहर चले गए।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि जगदंबिका पाल नियमों के अनुसार काम नहीं कर रहे थे और भाजपा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे।
दूसरी ओर, भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी अध्यक्ष को धमकाया और कुछ दस्तावेज भी फाड़ दिए। केंद्र ने 28 जुलाई को संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था। हालांकि, विपक्षी दलों की कड़ी आपत्तियों के बीच, विधेयक को 8 अगस्त को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के किसी भी संपत्ति या क्षेत्र को "वक्फ संपत्ति" के रूप में नामित करने के अधिकार को प्रतिबंधित करना है।