बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने संसद को भंग किया, नए चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ
By: Rajesh Bhagtani Tue, 06 Aug 2024 6:36:37
ढाका। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने विपक्षी नेता खालिदा जिया को भी नजरबंदी से रिहा करने का आदेश दिया। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी रहीं जिया को 2018 में हसीना की सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराया था। मंगलवार को बांग्लादेश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। इसके अलावा, एक जुलाई से अगस्त के बीच गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कई लोगों को पहले ही रिहा किया जा चुका है।
संसद को भंग करने के राष्ट्रपति के कदम ने देश में नए सिरे से चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ कर दिया है। शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद वहां पैदा हुई अराजकता के बीच देशभर में हिंसा की घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कई समाचार रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मंगलवार को ढाका की सड़कें शांत दिखीं, किसी नई हिंसा की खबर नहीं आई, क्योंकि उत्साहित प्रदर्शनकारियों ने अपदस्थ नेता के आवास पर धावा बोल दिया। कुछ लोगों ने इमारत की सुरक्षा कर रहे सैनिकों के साथ सेल्फी खिंचवाई, जहां एक दिन पहले गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने फर्नीचर, पेंटिंग, फूलों के गमले और मुर्गियां लूट ली थीं।
देश में नई सरकार के गठन का इंतजार जारी है, ऐसे में एक प्रमुख छात्र नेता ने कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व करें।
यूनुस, जो वर्तमान में ओलंपिक के लिए पेरिस में हैं, ने हसीना के इस्तीफे को देश का "दूसरा मुक्ति दिवस" कहा। टिप्पणी के लिए उनसे तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका, लेकिन छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने कहा कि यूनुस सहमत हो गए हैं।
Bangladesh President Mohammed Shahabuddin dissolves parliament, his office says
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2024
भारत की है पैनी नजर
भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मामले में स्थिति पर नजर रख रहा है और अपने राजनयिक मिशनों के ज़रिए वहां के भारतीय समुदाय के साथ "निकट और निरंतर" संपर्क में है। राज्यसभा में दिए गए एक बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के "बहुत कम समय के नोटिस" पर "फिलहाल" भारत आने के अनुरोध के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने पड़ोसी देश में इस जटिल और अभी भी लगातार अस्थिर बने हुए हालात को देखते हुए अपने सीमा सुरक्षाबलों को अत्यधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
सभी राजनीतिक दलों ने जताई चिंता
जयशंकर ने कहा, "सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने पांच अगस्त को राष्ट्र को संबोधित किया और जिम्मेदारी संभालने और अंतरिम सरकार के गठन की बात की। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं।" उन्होंने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के दशकों से गहरे संबंध हैं, वहां के हालात से यहां
भी चिंता उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि वहां जून से हालात बिगड़ने शुरु हुए और यह सिलसिला अब तक जारी है। उन्होंने कहा कि जो कुछ पड़ोसी देश में हुआ, उसका एक सूत्री एजेंडा यह था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे
दें। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा एवं अस्थिरता को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है।