चार लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए अफसर को नियुक्त किया गया मंत्री का विशिष्ट सहायक
By: Ankur Wed, 12 Jan 2022 1:46:03
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के कई बार बयान दे चुके हैं। लेकिन ये दावे धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं और इससे जुड़े हैरान करने वाले मामले देखने को मिल रहा है। ऐसा ही कुछ हुआ हैं प्रदेश में जहां चार लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए एक अफसर को अब मंत्री का विशिष्ट सहायक नियुक्त किया गया हैं। हम बात कर रहे हैं बंशीधर कुमावत की जिन्हें दो साल पहले 4 सितंबर 2019 को एसीबी ने दलाल के जरिए रिश्वत लेते पकड़ा था और अब उन्हें ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का विशिष्ट सहायक नियुक्त किया गया है। बंशीधर कुमावत अकेले अफसर नहीं हैं, जिन्हें दागदार रिकॉर्ड के बावजूद अहम पोस्टिंग दी गई है। इसके अलावा भी दागदार रिकॉर्ड वाले अफसरों को अच्छी पोस्टिंग मिली हुई है।
ऐसे अफसर को मंत्री गुढ़ा के विशिष्ट सहायक के पद पर पोस्टिंग देते ही प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। दागी अफसर को मंत्री के विशिष्ट सहायक के पद पर जिम्मेदारी देने पर कई कारणों से सवाल उठाए जा रहे हैं। अब तक दागी अफसरों को मंत्रियों के विशिष्ट सचिव पद पर पोस्टिंग नहीं देते थे।
बंशीधर कुमावत को खान विभाग में संयुक्त सचिव रहते हुए एसीबी ने 4 सितंबर 2019 को चार लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया था। इसके बाद कुमावत को सस्पेंड कर दिया गया था। जिस समय कुमावत ट्रैप हुए थे, उस समय एसीबी को उनके घर की तलाशी में करोड़ों की जमीन में निवेश के दस्तावेज मिले। बंशीधर कुमावत के घर पर 17 प्लॉट-दुकान और 18 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले थे। जयपुर, अजमेर, किशनगढ़ रेनवाल में 6 प्लॉट और मकानों के दस्तावेज, कुमावत की पत्नी के नाम अजमेर में 2 प्लॉट, किशनगढ़, अजमेर, नाथद्वारा और जयपुर में 9 प्लॉट और दो दुकान के दस्तावेज मिले थे।
सितंबर 2019 में बंशीधर कुमावत सस्पेंड हुए। अक्टूबर 2020 में उन्हें बहाल कर दिया। 5 जनवरी 2021 तक एपीओ रहने के बाद 6 जनवरी 2021 से अल्पंख्संख्यक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर रहे। बंशीधर कमुावत कांग्रेस के 2008 से 2013 के राज के दौरान ससंदीय सचिव ब्रहृदेव कुमावत के दो बार विशिष्ट सहायक रहे थे। पहले जनवरी 2009 से अगस्त 2012 तक विशिष्ट सहायक रहे, फिर जेडीए में छह महीने डिप्टी कमिश्नर रहने के बाद दोबारा ससंदीय सचिव के विशिष्ट सहायक का पद संभाल लिया।
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