
देश एक बार फिर सड़क हादसों के डरावने सिलसिले से दहला हुआ है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक पिछले 10 दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। किसी परिवार ने पिता को खोया, किसी बच्चे ने मां का हाथ, तो कहीं पूरा परिवार हमेशा के लिए खत्म हो गया। ये घटनाएं एक बार फिर इस सवाल को खड़ा करती हैं कि आखिर हमारी सड़कों पर मौत का ये तांडव कब रुकेगा?
भारत में सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कई वजहें सामने आती हैं—कभी तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग, तो कभी ड्राइवर का नशे में होना। कई बार तो सड़क की खराब हालत और वाहन मालिकों की लापरवाही भी इन हादसों को जन्म देती है। नतीजा यह होता है कि एक व्यक्ति की गलती कई परिवारों की खुशियां उजाड़ देती है।
जयपुर: 17 गाड़ियों को रौंदता गया डंपर
3 नवंबर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला दिया। हरमाड़ा थाना क्षेत्र में एक डंपर ने बेकाबू होकर 17 वाहनों को टक्कर मार दी। इस भयावह घटना में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 18 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। दोपहर करीब 1 बजे यह डंपर रोड नंबर 14 से पेट्रोल पंप के पास हाईवे पर घुसने की कोशिश कर रहा था, तभी सामने से आ रहे वाहनों से टकरा गया। चश्मदीदों के मुताबिक, टक्कर इतनी भीषण थी कि कई गाड़ियां पलट गईं और सड़क पर अफरातफरी मच गई। पुलिस के अनुसार, घायलों को SMS अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। घटनास्थल का वीडियो सामने आने के बाद लोग इसे अब तक का सबसे भयावह हादसा बता रहे हैं।
आंध्र प्रदेश: आग का जाल बनी बस
दीवाली के कुछ ही दिनों बाद आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक और दर्दनाक हादसा हुआ। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही बस में अचानक आग लग गई, जिससे 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जांच में पता चला कि बस के नीचे फंसी एक मोटरसाइकिल से चिंगारी उठी और उसने आग को भड़का दिया। बस में कुल 43 लोग सवार थे। फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बैटरी, सीटों की ज्वलनशील सामग्री और यात्रियों के मोबाइल फोन ने आग को और फैलाया। चंद मिनटों में बस आग के गोले में तब्दील हो गई, और कई लोग बाहर निकल भी नहीं पाए।
राजस्थान: स्लीपर बस में लगी आग, दो की मौत
जयपुर से कुछ दिनों बाद फिर एक हादसे की खबर आई। एक प्राइवेट स्लीपर बस में आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई और 10 लोग झुलस गए। बस में 50 से अधिक मजदूर सवार थे, जो उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से ईंट भट्ठे में काम करने जा रहे थे। जांच में सामने आया कि बस 11 केवी हाईटेंशन बिजली लाइन से टकरा गई थी। ऊपर रखे गैस सिलेंडर और दोपहिया वाहन में आग लग गई, जिससे बस धधक उठी। यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की।
फलोदी: ट्रक-टेंपो की भिड़ंत में 15 की जान गई
2 नवंबर को जोधपुर जिले के फलोदी इलाके में भी एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। कोलायत मंदिर से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक टेंपो ट्रैवलर ट्रक से जा टकराई। हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। चश्मदीदों के मुताबिक, टेंपो की रफ्तार बहुत तेज थी और ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया था।
तेलंगाना: गिट्टी से लदे ट्रक से बस की टक्कर, 20 की मौत
तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में आज सुबह भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें तेलंगाना राज्य परिवहन निगम (TSRTC) की बस और गिट्टी से लदे ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में 20 लोगों की जान चली गई, जिनमें 10 महिलाएं और एक 10 महीने का बच्चा भी शामिल है। हादसा इतना भयानक था कि ट्रक की गिट्टी बस के अंदर जा गिरी, जिससे कई यात्री वहीं दब गए। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दुख जताते हुए राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए हैं।
लापरवाही और रफ्तार बनी मौत का कारण
हर हादसे की अपनी कहानी है, लेकिन कारण लगभग एक जैसे हैं — तेज रफ्तार, नियमों की अनदेखी और नशे में ड्राइविंग। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से करीब 70% हादसे रफ्तार और लापरवाही की वजह से होते हैं।
हर चेतावनी के बावजूद ‘ड्रिंक एंड ड्राइव’, ओवरस्पीडिंग और मोबाइल फोन का इस्तेमाल जैसी आदतें कम नहीं हो रही हैं। सड़कें सिर्फ चलने के लिए नहीं, जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं — लेकिन जब इंसान इस जिम्मेदारी को भूल जाता है, तब सड़कें मौत का मैदान बन जाती हैं।














