राजा रघुवंशी हत्याकांड में लगातार एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे पूरा मामला और भी पेचीदा बनता जा रहा है। इस हाई-प्रोफाइल केस में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी पर सिर्फ भावनात्मक धोखा नहीं, बल्कि पैसों का लालच देकर सुनियोजित हत्या करवाने का संगीन आरोप लगाया गया है। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने जो नए राज उगले हैं, वे हैरान करने वाले हैं और हत्या के पीछे के गहरे षड्यंत्र की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने बताया कि घटना वाले दिन जब वे मेघालय की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग करते-करते थक गए तो उन्होंने राजा को मारने से साफ मना कर दिया। तभी सोनम ने कड़ाई से कहा, "20 लाख रुपये दूंगी, पर राजा को खत्म करना होगा।” यही नहीं, इस लालच को और पुख्ता करने के लिए उसने तुरंत राजा के पर्स से 15,000 रुपये निकालकर आरोपियों को पेशगी के तौर पर दे दिए। यह रकम हत्या के बदले पहली किश्त मानी जा रही है।
पहले से तय थी राजा को सुनसान जगह पर ले जाकर खत्म करने की योजना
जांच में सामने आया है कि सोनम ने शिलॉन्ग ट्रिप की योजना बनाते समय ही यह साजिश रची थी कि कैसे राजा को अलग-थलग कर एक सुनसान जगह पर ले जाया जाए, ताकि हत्या को आसानी से अंजाम दिया जा सके। घटनास्थल के चयन से लेकर मोबाइल नेटवर्क की सीमा के बाहर जाने तक सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
मोबाइल लोकेशन, बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल रिकॉर्ड्स से हो रहे नए खुलासे
अब जब पैसे का लेन-देन भी सामने आ गया है, मेघालय पुलिस और यूपी पुलिस ने डिजिटल सबूतों की गहन जांच शुरू कर दी है। मोबाइल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन और लोकेशन डेटा को खंगाला जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हत्या में कोई और शामिल था या नहीं।
सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और मोबाइल टावर लोकेशन की सहायता से पुलिस ने पांच अहम मोबाइल नंबरों की पहचान की है, जो इस साजिश से सीधे तौर पर जुड़े हैं। इन नंबरों में राजा रघुवंशी, सोनम रघुवंशी, और उनके सहयोगी आनंद कुर्मी, आकाश राजपूत और विशाल उर्फ विक्की ठाकुर शामिल हैं। यह सभी नंबर अलग-अलग समय पर मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों से ऐक्टिव पाए गए हैं।
प्रेमी राज कुशवाहा को लगातार भेजी जा रही थी लोकेशन
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि सोनम, अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ निरंतर संपर्क में थी। वह उसे न केवल कॉल करती थी बल्कि व्हाट्सएप व अन्य माध्यमों से अपनी लोकेशन भी शेयर कर रही थी। यह लोकेशन डिटेल्स फिर अन्य साथियों तक भी पहुंचाई जाती थी ताकि योजना को आसानी से अंजाम दिया जा सके।
पूरे इस क्रिमिनल ऑपरेशन में राज कुशवाहा इंदौर में रहकर सोनम के संपर्क में रहा और पूरा नेटवर्क नियंत्रित करता रहा। लोकेशन शेयरिंग, कॉल डेटा और बैंक ट्रांजैक्शन जैसी डिजिटल जानकारी अब पुलिस को इस हत्या की गहराई तक पहुंचने में मदद कर रही है और यह साफ संकेत दे रही है कि यह हत्या किसी एक क्षण का उग्र फैसला नहीं, बल्कि महीनों से चल रही एक रची-बसाई साजिश थी।