प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में एक विशेष रणनीतिक बैठक की, जिसमें सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लगभग सभी सदस्य, जो हाल ही में दुनियाभर का दौरा कर भारत का पक्ष मजबूती से रखकर लौटे थे, शामिल हुए। इस अहम मीटिंग का उद्देश्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठे प्रोपेगेंडा को चुनौती देने वालों के अनुभवों को साझा करना और भारत की छवि को लेकर आगे की रणनीति तय करना था।
हालांकि, इस महत्वपूर्ण बैठक में AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अनुपस्थिति ने सबका ध्यान खींचा और राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ओवैसी सरकार के साथ खड़े नजर आए थे और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बचाव भी किया था। ऐसे में सवाल उठे कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि ओवैसी इस निर्णायक बैठक में शामिल नहीं हुए?
ओवैसी ने खुद बताई वजह, बताया 'निजी आपातकाल'
बैठक में अनुपस्थित रहने को लेकर उठे सवालों पर ओवैसी ने खुद सामने आकर सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी अनुपस्थिति किसी भी प्रकार से राजनीतिक नहीं थी, बल्कि एक अचानक आई मेडिकल इमरजेंसी के कारण उन्हें दुबई रवाना होना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनके बचपन के दोस्त और करीबी रिश्तेदार की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें देश छोड़ना पड़ा।
ओवैसी ने यह भी बताया कि उन्होंने डेलीगेशन टीम के नेता बैजयंत पांडा को पूर्व सूचना दे दी थी और यह पूरी तरह एक व्यक्तिगत मजबूरी थी। उन्होंने साफ कहा कि देशहित के मसले पर वह राजनीतिक भिन्नता नहीं देखते, और जब भी भारत के सम्मान की बात आएगी, वह साथ खड़े होंगे।
AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi did not attend the all-party delegation meeting with PM Modi this evening.
— ANI (@ANI) June 10, 2025
In a phone conversation with ANI, he says, "I am out of the country. I had to go to Dubai due to a medical emergency. I had to go suddenly due to the ill health of my… pic.twitter.com/eumCzrRyu4
डेलीगेशन में शामिल होकर ओवैसी ने खोली पाकिस्तान की पोल
पहलगाम हमले के बाद, ओवैसी भी सरकार द्वारा गठित उस डेलीगेशन का हिस्सा बने जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के झूठे दावों और आतंकी रवैये का पर्दाफाश करने के लिए विभिन्न देशों का दौरा कर रहा था। ओवैसी ने बेबाकी से भारत का पक्ष रखते हुए अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जैसे इस्लामी देशों में पाकिस्तान की असलियत उजागर की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक स्थायी खतरा बन चुका है। इस प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू, पूर्व सीएम गुलाम नबी आज़ाद और वरिष्ठ राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल थे।
“देश पहले, राजनीति बाद में”: ओवैसी का सधा बयान
ओवैसी ने एक बयान में कहा, "हमारी पार्टी AIMIM की विचारधारा बीजेपी से पूरी तरह अलग है, हम चुनावी मैदान में उनके खिलाफ लड़ते हैं। लेकिन जब बात देश की होती है, तो राजनीतिक मतभेद मायने नहीं रखते।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का हमला केवल एक राजनीतिक मसला नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और सम्मान पर सीधा आघात है, और हम सबका दायित्व है कि हम उस वक्त एक साथ खड़े हों।
पीएम मोदी ने सुनी प्रतिनिधियों की राय, मिला सराहनीय फीडबैक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बात को धैर्यपूर्वक सुना और उनके अंतरराष्ट्रीय अनुभवों को समझा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बैठक के बाद बताया कि यह एक बेहद सकारात्मक चर्चा रही, जिसमें सभी ने अपने अनुभव साझा किए।
थरूर ने बताया कि उन्होंने और अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि भविष्य में भी इस प्रकार की ‘भारत-प्रथम नीति आधारित डिप्लोमैसी’ को अपनाया जाए। पीएम ने व्यक्तिगत रूप से सभी सदस्यों का आभार जताया और इस तरह की पहलों को प्रोत्साहित करने की बात कही।