मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में मारे गए इंदौर निवासी राजा रघुवंशी के सिर पर किसी धारदार और नुकीले हथियार से दो बार जानलेवा हमला किया गया था। उनकी विस्तृत और चिकित्सकीय पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने बताया कि शव जब गहरी खाई से बाहर निकाला गया और जांच की गई, तो उसके सिर पर दो अलग-अलग स्थानों पर गहरे कट के स्पष्ट निशान पाए गए, जिससे हत्या की बर्बरता और पूर्व-नियोजित साजिश की ओर इशारा मिलता है।
यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट पूर्वोत्तर भारत के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान, नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज (NEIGRIHMS) में कराई गई थी। एसपी सायम ने बताया कि रिपोर्ट में सामने आया है कि मृतक के सिर के पिछले हिस्से और माथे के आगे की ओर दो गंभीर घाव हैं, जिनमें से एक तो इतना गहरा था कि जान जाना निश्चित हो गया था।
वहीं इस हाई-प्रोफाइल केस में मुख्य आरोपी बनी मृतक की पत्नी सोनम को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया है। उसे देर रात उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में लेकर बिहार की राजधानी पटना लाया गया है। पटना के फुलवारी थाना परिसर में उसे अस्थायी रूप से रखा गया है, जहां से उसे स्पाइसजेट की दोपहर 12:55 की फ्लाइट से गुवाहाटी लाया जाएगा और फिर उसे शिलांग ले जाया जाएगा, जहां केस दर्ज है और जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
मेघालय में रचा गया खौफनाक मर्डर प्लान
दरअसल, राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम के साथ विवाह के बाद हनीमून मनाने के लिए 23 मई को मेघालय के पर्यटन स्थल सोहरा (चेरापूंजी) पहुंचे थे। उसी दिन से वे रहस्यमयी ढंग से लापता हो गए। पूरे 10 दिन बाद 2 जून को रघुवंशी का शव वेइसाडोंग फॉल्स के समीप स्थित एक गहरी घाटी में मिला। शव के पास एक नया और खून से सना हुआ चाकू भी बरामद हुआ, जो संभवतः हत्या में प्रयुक्त हुआ हथियार हो सकता है। पुलिस की शुरुआती जांच में यह हथियार अहम सुराग माना जा रहा है।
इस मामले में सोनम को गाजीपुर से सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। इस चौंकाने वाले मामले में अब तक कुल 5 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें 4 अन्य कथित साजिशकर्ता भी शामिल हैं।
स्थानीय संगठनों का गुस्सा और माफी की मांग
इस बीच, शिलांग में स्थित प्रभावशाली सामाजिक संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ मेघालय सोशल ऑर्गेनाइजेशन (COMSO) ने इस हत्याकांड को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए सोनम के परिवार से सार्वजनिक माफी की मांग की है। समूह ने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड को गलत तरीके से पेश कर मेघालय की साख और पर्यटन छवि को धूमिल किया गया है। COMSO का कहना है कि यह राज्य की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डालने की कोशिश है।
राजनीतिकरण और मीडिया का दुरुपयोग: COMSO का आरोप
सीओएमएसओ के अध्यक्ष रॉय कुपार सिंरेम ने दावा किया कि सोनम के परिवार ने इस व्यक्तिगत त्रासदी को राजनीतिक रंग देने, मीडिया का अनुचित उपयोग करने और देश भर में मेघालय विरोधी भावनाएं फैलाने का एक योजनाबद्ध प्रयास किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इनर लाइन परमिट (ILP) की प्रणाली को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि राज्य में प्रवेश करने वालों की निगरानी बेहतर ढंग से की जा सके और पर्यटकों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके।
सोनम के पिता का बयान और CBI जांच की मांग
सोनम का मायका इंदौर के गोविंद नगर खारचा क्षेत्र में स्थित है, और उसका परिवार वहां फर्नीचर में उपयोग होने वाली सनमाइका शीट का व्यवसाय संचालित करता है। इसी संस्थान में आरोपी राज कुशवाह काम करता था, जिसे अब इस हत्या के षड्यंत्र में शामिल बताया जा रहा है।
सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने प्रेस को दिए बयान में कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और मेघालय पुलिस बिना पुख्ता सबूतों के उस पर झूठे आरोप मढ़ रही है। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी और राज कुशवाह के बीच किसी भी तरह का आपत्तिजनक संबंध नहीं था। मेघालय पुलिस सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए उसे बलि का बकरा बना रही है। मैं जल्द ही कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस भेजूंगा और चाहता हूं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई द्वारा हो।”