अमेरिकी कोर्ट के एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाले फैसले ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है, जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतें रॉकेट की तरह उछलती नजर आ रही हैं। दरअसल, कोर्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वे ग्लोबल टैरिफ को चालू रख सकते हैं। इस अप्रत्याशित निर्णय ने वैश्विक निवेशकों में घबराहट और चिंता की लहर फैला दी है। साथ ही, अमेरिका-चीन के बीच चल रही उच्च स्तरीय व्यापारिक बातचीत का असर भी फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। नतीजतन, दुनियाभर के बाजारों में गोल्ड की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली में भी सोने की कीमतों में दो दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को फिर से तेजी लौटी है। तो आइए जानते हैं कि दिल्ली के सर्राफा बाजार में अब गोल्ड का नया भाव क्या है।
दिल्ली में सोने की चमक लौटी, चांदी बनी स्थिर
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को सोने की कीमत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 820 रुपए बढ़कर 98,490 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। वहीं, 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड भी 750 रुपए महंगा होकर 98,000 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी की कीमतों में किसी प्रकार का उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया और यह अभी भी 1,07,100 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी हाजिर सोना 12.09 डॉलर यानी 0.36 प्रतिशत बढ़कर 3,334.69 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी की कीमतें वैश्विक स्तर पर 0.5 प्रतिशत गिरकर 36.34 डॉलर प्रति औंस हो गईं। विशेषज्ञों की मानें तो यह तेजी मुख्य रूप से निवेशकों की टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंता और सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ते रुझान के कारण आई है।
गोल्ड की कीमतों में उबाल की असली वजह क्या है?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटी ऐनालिस्ट सौमिल गांधी ने बताया कि यह अस्थिरता अमेरिकी संघीय अपील अदालत के उस अहम फैसले के बाद आई है, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वैश्विक टैरिफ लगाए रखने की अनुमति दी गई है। यह कदम वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। गांधी ने यह भी कहा कि इस फैसले के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में जो सकारात्मक संकेत मिल रहे थे, वे कमजोर पड़ते जा रहे हैं। लंदन में हुई दो दिवसीय बातचीत में भले ही व्यापार तनाव को कम करने पर सहमति बनी, लेकिन इस कोर्ट फैसले ने एक बार फिर अनिश्चितता बढ़ा दी है।
कमोडिटी बाजार के जानकारों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में जारी संघर्षों ने भी वैश्विक अस्थिरता को बढ़ाया है, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर भाग रहे हैं – और इसमें गोल्ड सबसे ऊपर है। कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला ने बताया कि फिलहाल सभी की निगाहें अमेरिका के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक डेटा पर हैं, जो आने वाले दिनों में जारी होगा। यह डेटा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की भविष्य की मौद्रिक नीति की दिशा को तय करेगा, जिसका सीधा असर गोल्ड मार्केट पर पड़ेगा।