
सरकार ने सोने और चांदी के आयात पर लगने वाले बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती करते हुए उपभोक्ताओं को राहत देने का बड़ा कदम उठाया है। नए नियमों के तहत सोने का बेस इम्पोर्ट प्राइस 42 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी का 107 डॉलर प्रति किलोग्राम घटाया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार हो रही कीमतों की अस्थिरता को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि घरेलू स्तर पर इनके दामों को नियंत्रित रखा जा सके और कारोबार को प्रोत्साहन मिले।
क्यों किया गया बेस इम्पोर्ट प्राइस में बदलाव
बेस इम्पोर्ट प्राइस का इस्तेमाल सोना-चांदी सहित अन्य कीमती धातुओं पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी की गणना के लिए किया जाता है। यह दर हर 15 दिन में पुनः निर्धारित की जाती है। कीमतों में कटौती का मतलब है कि अब आयातकों को कर में थोड़ी राहत मिलेगी, जिससे बाजार में सोने की कीमतें कुछ हद तक घट सकती हैं। इससे न केवल ज्वेलरी कारोबार को गति मिलेगी बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी यह खुशखबरी साबित हो सकती है।
भारत — सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार, चांदी में नंबर वन
भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है, जबकि चांदी के आयात में यह पहले स्थान पर आता है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत में आने वाले कुल सोने के आयात में 40% हिस्सा स्विट्जरलैंड का है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का योगदान 16% और दक्षिण अफ्रीका का लगभग 10% है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 48 देशों से सोना आयात किया, जबकि 2024-25 में इसमें 27.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल आयात 58 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
घटी सोने की कीमतें, चांदी में उछाल
1 नवंबर को देशभर में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना सभी श्रेणियों में सस्ता हुआ। 10 ग्राम सोना अब 210 रुपये सस्ता होकर 1,23,000 रुपये पर आ गया, जबकि 100 ग्राम की कीमत 2,800 रुपये घटकर 12,30,000 रुपये रह गई। वहीं, 8 ग्राम सोना 224 रुपये घटकर 98,400 रुपये और 1 ग्राम सोना 28 रुपये घटकर 12,300 रुपये पर पहुंच गया।
इसके विपरीत, चांदी के भाव में तेजी देखी गई। 1 नवंबर को चांदी का दाम 1,000 रुपये बढ़कर 1,52,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में चांदी के दाम में और बढ़ोतरी संभव है क्योंकि औद्योगिक मांग बढ़ रही है।
आम उपभोक्ताओं के लिए राहत की उम्मीद
सरकार के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले हफ्तों में ज्वेलरी बाजार में सोने की कीमतों में स्थिरता आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन और शादी के मौसम को देखते हुए यह फैसला ग्राहकों के लिए राहत भरा साबित होगा। वहीं, चांदी के बढ़ते दाम निवेशकों को मुनाफे का एक नया अवसर भी दे सकते हैं।














