गुप्तदान के 60 किलो सोने से जगमगाया बाबा विश्वनाथ का स्वर्णिम दरबार...
By: Priyanka Maheshwari Fri, 10 June 2022 1:05:32
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अब बाबा का दर्शन स्वर्णिम दरबार में कर सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाद बाहरी दीवारें पर स्वर्ण्म चमक बिखेरने लगी हैं। ऐसा संभव हो सका है तो एक गुप्त दानादाता की वजह से, जिसके दान के 60 किलो के सोने से काशी विश्वनाथ का गर्भगृह और गर्भगृह के चारों गेट स्वर्ण मंडित हो चुके हैं। चर्चाओं के अनुसार, 37 किलोग्राम सोना गर्भगृह में और 23 किलोग्राम सोना बाहरी दीवारों पर लगा है। सोना लगाने का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी ने किया है।
आपको बता दे, 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने दो शिखरों पर 22 मन सोना लगवाया था, जिसके बाद अब जाकर दक्षिण भारत के गुप्त दानदाता की वजह से 60 किलो सोने मंदिर का गर्भगह, गर्भगृह के चारों गेट और शिखर के नीचे का 8 फिट छोड़कर स्वर्णमंडित हुआ है। यह काम लगभग 6 महीने में पूरा हो सका।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद तमाम श्रद्धालुओं ने व्यवस्थाओं को सुधारने और बेहतर करने के लिए अपना योगदान किया है। इसी कड़ी में एक श्रद्धालु की ओर से मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कराने और गर्भगृह के बाहरी हिस्से को नीचे से आठ फिट छोड़कर गर्भगृह के चारों दरवाजों को स्वर्णमय कराने के लिए एक योजना बनाई थी, जिसे लगभग पूर्ण किया जा चुका है। अभी फिनिशिंग का काम बाकी है और बाकी काम पूरा हो चुका है। इस काम के तहत पूरे गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया जा चुका है। चुकी शिखर पहले ही स्वर्णमंडित था तो उसे छोड़कर लगभग 10 फुट तक नीचे चारों गेट अंदर और बाहर की ओर से स्वर्णमंडित किया गया है। सुनील वर्मा ने आगे बताया कि यह योजना नवंबर-दिसंबर में बनी थी, लेकिन जनवरी से काम शुरू हो सका और अब यह पूर्णता की ओर से।
सुनील वर्मा ने आगे बताया कि दिसंबर में उद्घाटन के बाद से ही तेजी से श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है, इससे काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यास की आय तो बढ़ी ही है, साथ ही व्यय भी बढ़ा है। श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही धाम की खूबसूरती बढ़ाने का काम जैसे स्वर्णमंडित या अन्य विग्रहों को सुसज्जित करने का काम भी लगातार जारी है, जिसमें श्रद्धालुओं का बहुत बड़ा सहयोग है।