धौलपुर : शहर को गौरवान्वित करती है लाल रंग की बलुआ पत्थर की संरचना

By: Geeta Wed, 18 May 2022 4:14:22

धौलपुर : शहर को गौरवान्वित करती है लाल रंग की बलुआ पत्थर की संरचना

धौलपुर भारत के राजस्थान राज्य के धौलपुर जिले में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी है। धौलपुर चम्बल नदी के बाएं किनारे पर बसा हुआ है। धौलपुर दो राज्यों उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमाओं के बीच में अवस्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 23 और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 यहाँ से गुजरते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 3 (आगरा से मुंबई) शहर के बीचों बीच से निकलता है एवम् शहर को दो भागों में बाँटता है। इस पर जाट राजाओं ने शासन किया।

उत्तरप्रदेश में इसका निकटवर्ती शहर आगरा (54 किमी.) एवम् मध्यप्रदेश में मुरैना (27 किमी.) है। मुरैना चम्बल के डकैतों के लिए ख्यात रहा है। यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से 280 किलोमीटर व राज्यीय राजधानी जयपुर से 265 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके निकटतम हवाई अड्डे उत्तरप्रदेश के आगरा (54 किमी) व मध्यप्रदेश के ग्वालियर (65 किमी) हैै। धौलपुर जिला विशेष रूप से लाल रंग बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता है। यहाँ बनाई जाने वाली अधिकतर इमारतों का निर्माण इन बलुआ पत्थरों से ही किया जाता है। धौलपुर जिला राजस्थान की अरावली पर्वतमाला एवम् मध्यप्रदेश की विंध्याचल पर्वतमाला तथा उत्तर भारत के विशाल मैदान का मिलन स्थल है। अपनी विशिष्ट भौगोलिक पहचान के लिए भी ये जिला प्रसिद्ध है। इस जिले के पूर्व व उत्तर पूर्व में चम्बल नदी के प्रसिद्ध बीहड़ हैं तो दक्षिण-पश्चिम में अरावली की पथरीली , चट्टानी श्रृंखलाएं। धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहाँ घूमा जा सकता है।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

एक दिवसीय पर्यटन स्थल

राजस्थान का धौलपुर जिला एक दिवसीय पर्यटन के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल है। धौलपुर अपने लाल रंग के बलुआ पत्थरों की संरचना के लिए प्रसिद्ध है, जो धौलपुर शहर को गौरवान्वित करती है, शायद राजस्थान में कम देखी जाने वाली जगहों में से एक है। इस साधारण भीड़भाड़ वाले शहर में अपनी तरह का कुछ खजाना है जिसे बार-बार देखने का मन करता है। आप धौलपुर के राजसी महल से बने होटल, ईश्वरीय मंदिरों, ढहते किलों और सुंदर जानवरों से भरे आकर्षक अभयारण्यों को देखने का मोह नहीं छोड़ पाएंगे। अपने दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान, जब आप टाउन-हॉल रोड से गुजरते हैं, तो सबसे पहली चीज जो आप धौलपुर में देख सकते हैं, वह है निहाल टॉवर। यह घंटाघर है जिसे स्थानीय रूप से घंटा घर के नाम से जाना जाता है।

इतिहास

धौलपुर एक पुराने ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है। धौलपुर शिवि वंशी बमरोलिया जाटों की प्रसिद्ध रियासत है। धौलपुर के राजाओं का विरुद महाराणा है। मूल रूप से धौलपुर भरतपुर के जाट राज्यवंश की एक शाखा का राज्य था। भरतपुर के सर्वश्रेष्ठ शासक सूरजमल जाट की मृत्यु के समय (1764 ई.) धौलपुर भरतपुर राज्य ही में सम्मिलित था। सूरजमल जाट की मृत्यु के बाद यहाँ एक अलग रियासत स्थापित हो गई। सिंधिया, अंग्रेज और जाटों के मध्य हुए एक समझौते के बाद धौलपुर क्षेत्र गोहद के जाट राजाओं के अधीन आ गया था। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है। चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया। पहले धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया था। धौलपुर के नामकरण के पीछे तीन मत प्रचलित है।

प्रथम मत के अनुसार नागवंशी धौल्या जाटों ने इस नगर की स्थापना की थी यह आगे चलकर धौलपुर नाम से प्रसिद्ध हुआ। द्वितीय मत के अनुसार यह नगर धवलदेव नामक शासक ने बसाया था। लेकिन इससे संबंधित कोई भी प्राचीन लेख अप्राप्त है। तृतीय मत के अनुसार जादौन शासक दवलराय ने इस जगह की स्थापना की है। उपरोक्त सभी मतों में से नागवंश द्वारा इस जगह की स्थापना प्रामाणिक है। इसके निकट क्षेत्र पर सैकड़ों सालों तक नागवंश का शासन रहा है।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

पर्यटन स्थल

मुचुकुंद की गुफा


धौलपुर के निकट राजा मुचुकुंद के नाम से प्रसिद्ध गुफा है जो गंधमादन पहाड़ी के अंदर बताई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार मथुरा पर कालयवन के आक्रमण के समय श्रीकृष्ण मथुरा से मुचुकुंद की गुहा में चले आए थे। भगवान श्रीकृष्ण का पीछा करते हुए कालयवन यहाँ पहुँच गया और उसने कृष्ण के भ्रम में, वरदान पाकर सोए हुए राजा मुचुकुन्द को जगा दिया। राजा मुचुकुन्द की नजर पड़ते ही कालयवन वहीं भस्म हो गया। यह कथा श्रीमद् भागवत 10,15 में वर्णित है। कथा प्रसंग में मुचुकुंद की गुहा का उल्लेख इस प्रकार है। धौलपुर से 842 ई. का एक अभिलेख मिला है, जिसमें चंडस्वामिन् अथवा सूर्य के मंदिर की प्रतिष्ठापना का उल्लेख है। इस अभिलेख की विशेषता इस तथ्य में है कि इसमें हमें सर्वप्रथम विक्रमसंवत् की तिथि का उल्लेख मिलता है जो 898 है।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

चोपड़ा-महादेव मन्दिर

यह एक ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर में की गई वास्तुकला काफी खूबसूरत है। यह शिव मंदिर ग्वालियर-आगरा मार्ग पर बाईं ओर लगभग सौ कदम की दूरी पर स्थित है। इसे चौपड़ा-महादेव का मंदिर कहते हैं। गुरु शंकराचार्य श्रीश्री 1008 स्वामी श्री जयेन्द्र सरस्वती भी यहाँ अभिषेक कर चुके हैं।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

मुचुकुंद-सरोवर

अगर आप धौलपुर आएं तो मुचुकुंद सरोवर अवश्य घूमें। इस तालाब का नाम राजा मुचुकुन्द के नाम पर रखा गया। यह तालाब अत्यन्त प्राचीन है। राजा मुचुकुन्द सूर्यवंश के 24वें राजा थे। पुराणों में ऐसा उल्लेख है कि राजा मुचुकुन्द यहाँ पर सो रहे थे, उसी समय असुर कालयवन भगवान श्रीकृष्ण का पीछा करते हुए यहाँ पहुँच गया और उसने कृष्ण के भ्रम में, वरदान पाकर सोए हुए राजा मुचुकुन्द को जगा दिया। राजा मुचुकुन्द की नजर पड़ते ही कालयवन वहीं भस्म हो गया। तब से यह स्थान धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। इस स्थान के आस-पास ऐसी कई जगह हैं जिनका निर्माण या रूप परिवर्तन मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था। मुचुकुन्द सरोवर को सभी तीर्थों का भान्जा कहा जाता है। मुचुकुन्द-तीर्थ नामक बहुत ही सुन्दर रमणीक धार्मिक स्थल प्रकृति की गोद में धौलपुर के निकट ग्वालियर-आगरा मार्ग के बांई ओर लगभग दो किमी. की दूरी पर स्थित है। इस विशाल एवं गहरे जलाशय के चारों ओर वास्तु कला में बेजोड़ अनेक छोटे-बड़े मंदिर तथा पूजागृह पालराजाओं के काल 775 ई. से 915 ई. तक के बने हुए हैं। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल ऋषि-पंचमी और बलदेव-छट को विशाल मेला लगता है। जिसमें लाखों की संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, इस सरोवर में स्नान कर तर्पण-क्रिया करते हैं। हर अमावस्या को हजारों तीर्थयात्री प्रात:काल से ही मुचुकुन्द-तीर्थ की परिक्रमा लगाते हैं। इसी प्रकार हर पूर्णिमा को सायंकाल मुचुकुन्द-सरोवर की महा-आरती का आयोजन होता है, जिसमें सैकडों की तादाद में भक्त सम्मिलित होते हैं।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

शेरगढ़ किला

यह किला धौलपुर से पाँच किलोमीटर की दूरी पर चम्बल नदी के किनारे खारों के बीच स्थित है। इस किले का निर्माण धौलपुर नरेश मालदेव ने 1532 ई. के आसपास करवाया था। इसके बाद इस किले को शेरशाह सूरी के आक्रमण का सामना करना पड़ा और इस किले का नाम शेरगढ़ किला कर दिया गया।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

मंदिर श्री राम-जानकी और श्री हनुमानजी, पुरानी छावनी

धौलपुर रेल्वे स्टेशन से 6 किमी की दूरी पर धौलपुर-बाड़ी मार्ग से सरानी खेड़ा जाने वाले मार्ग पर स्थित है पुरानी- छावनी। मार्ग पर ऑटो-रिक्शा चलते रहते हैं। महाराज श्री कीर्त सिंह ने गोहद से आकर इस स्थान पर छावनी स्थापित की और यहाँ विक्रम संवत् 1642 (सन् 1699) में मन्दिर का निर्माण करवाया। मन्दिर में चौबीस अवतार युक्त मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अष्ट धातु का मनोहारी विग्रह है, जो उत्तराभिमुख है। इस दुर्लभ मूर्ति की चोरी भी हो गई थी। अन्तर्राष्ट्रीय मूर्ति तस्करों के चंगुल से निकलवाने में तत्कालीन डीआईजी केन्द्रीय पुलिस बल, जगदानन्द सिंह की प्रमुख भूमिका रही। मन्दिर परिसर के सिंह द्वार के बाईं ओर, अपने आराध्य प्रभु श्रीराम को निहारते हुए (दक्षिणाभिमुख) राम भक्त हनुमान की विशाल प्रतिमा है। प्रतिमा में रक्त-वाहिकाएं (नसें) नजर आती हैं।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

खानपुर महल

इस किले का निर्माण मुगल शासन के दौरान शाहजहाँ ने करवाया था। इस महल की खूबसूरत बनावट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दूसरी तरफ खानपुर महल का निर्माण जाट राजाओं द्वारा किया गया बताया जाता है।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

वनविहार वन्य जीव अभयारण्य

यह अभयारण्य शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य धौलपुर शासक का सबसे पुराना वन्यजीव-अभयारण्य है। इसका क्षेत्रफल करीबन 59.86 वर्ग किलोमीटर है। वनविहार विंध्य-पठार पर स्थित है। तालाब-ए-शाही का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने करवाया।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

तालाब-ए-शाही

यह जगह धौलपुर - बाड़ी मार्ग पर धौलपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तालाब-ए-शाही काफी खूबसूरत एवं ऐतिहासिक झील है। इस झील का निर्माण शाहजहाँ ने 1617 ई. में करवाया था। इस झील को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं। यहाँ राजा व रानी के दो महल हैं। रानी के महल को पर्यटकों हेतु होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जो आज भी आकर्षण का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण शाहजहाँ के मनसबदार साले खान ने उनके लिये बनवाया था।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

रामसागर-अभयारण्य

यह अभयारण्य धौलपुर से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य रामसागर झील का एक हिस्सा है। इस झील में मगरमच्छ के साथ मछलियों एवं साँपों की प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त पानी में रहने वाली पक्षी जैसे जल कौवा, बत्तख आदि भी देख सकते हैं। यह बाड़ी के निकट है।

rajasthan,rajasthan tourist destination dhaulpur,dhaulpur,dhaulpur travel,rajasthan tourism,rajasthan tourist places

निहाल टॉवर

धौलपुर शहर में स्थित घंटाघर जिसका नाम निहाल टॉवर है जो राजस्थान का सबसे बड़ा घण्टा घर है जो 7 मंजिला है। जिसका निर्माण धौलपुर के राजा निहाल सिंह ने करवाया था।

लसवारी

लसवारी एक ऐतिहासिक स्थल है। इसी स्थान पर लार्ड लेक ने दौलत राव सिंधिया की हत्या की थी। इसके अलावा यहाँ पुराना मुगल गार्डन, दमोह जल प्रपात और कानपुर महल भी हैं। यह सभी जगह लसवारी की खूबसूरत जगहों में से हैं। दमोह- सरमथुरा से 2 किमी. की दूरी पर है। यह एक सुन्दर जल-प्रपात है। इसकी ऊँचाई 300 फुट है। सरमथुरा का महंकाल (महाकालेश्वर) मन्दिर प्रसिद्ध है।

उद्योग और व्यापार

यहाँ पर सबसे बड़ा रोजगार कृषि और पत्थर का है। धौलपुर से 60 किलोमीटर दूर सर मथुरा है जहाँ पर लाल पत्थर अधिक मिलता है। यहाँ लाल पत्थर रोजगार का साधन है।

ये भी पढ़े :

# चार धाम यात्रा के दौरान 44 लोगों की मौत, ये गलतियां पड़ रहीं भारी, जानें एक्सपर्ट्स की राय

# टैक्सटाइल सिटी के साथ ही अपनी विरासत के चलते पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है राजस्थान का भीलवाड़ा, आइए डालते हैं एक नजर

# भारत के लोकप्रिय हिल स्टेशनों में एक है मनाली, हनीमून के लिए प्रसिद्ध

# किले, हवेलियों, छतरियों और मंदिरों के चलते पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है राजस्थान का चूरू

# दुनिया के 7 कम बजट वाले पर्यटन स्थल, तुरंत प्लान करें हॉलिडे ट्रिप

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com