लॉन्ग वीकेंड पर बनाए भारत के इन 8 ऐतिहासिक किलों की सैर का प्लान
By: Ankur Wed, 03 Aug 2022 5:19:43
अगस्त का महीना शुरू हो चुका हैं और आने वाले दिनों में लॉन्ग वीकेंड आने वाला हैं जहां 12 अगस्त की छुट्टी लेकर आप 11 से 15 अगस्त तक घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं। इस लॉन्ग वीकेंड पर आप देश के ऐतिहासिक किलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। वैसे तो भारत में किलों की कमी नहीं हैं। लेकिन कुछ किले ऐसे हैं जो अपना वैभवपूर्ण इतिहास रखते हैं जो उन्हें और ख़ास बनाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसे ही कुछ किलों की जानकारी देने जा रहे हैं जो अपनेआप में कई रहस्य लिए हुए हैं। अगर आप प्राचीन कला और धरोहर को देखने का शौक रखते हैं तो चले आइये भारत के इन ऐतिहासिक किलों के दीदार करने। आइये जानें इनके बारे में...
गोलकुंडा किला
यह किला आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 11 किमी की दूरी पर स्थित है। यह किला हैदराबाद के चार आश्चर्यों में से एक माना जाता है। काकतिया राजाओं के द्वारा इस किले का निर्माण कराया गया था। इस महल की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यदि आप इसके आंगन में खड़े होकर तालियां बजाते हैं तो उनकी आवाज को इस किले की सबसे ऊंची जगह पर सुनी जा सकता है जी की 91 मीटर के करीब ऊंची है। ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बने इस किले में कुल 8 दरवाजे हैं। किले से लगभग आधा मील दूर उत्तर में कुतुब शाही राजाओं के ग्रेनाइट पत्थर से बने मकबरे हैं जो कि आज टूटी फूटी अवस्था में है।
लाल किला
भारत का सबसे आकर्षक और फेमस किलों में दिल्ली के लाल किले का नाम आता है। इस किले को जहांगीर के बेटे मुग़ल शासक शाहजहाँ ने बनवाया था। इस किले की दीवारें लाल पत्थर की हैं इसलिए इसे लाल किला नाम दिया गया। मुगल शासक शाहजहां ने 11वर्षों तक आगरा से शासन करने के बाद तय किया कि राजधानी को दिल्ली लाया जाए तभी यहां 1618 में लाल किले की नींव रखी गई। 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू हुआ। इस आलीशान किले को बनने में 10 साल का वक्त लगा। दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक क़िला मुग़लकालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है। इस किले के अंदर देखने लायक कई चीजें हैं। मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास देखने के लिए काफी लोग आते हैं।
ग्वालियर का किला
यह किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर में है। इस किले को ‘भारत का गिब्राल्टर’ भी कहा जाता है। इस किले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था। यह किला पहाड़ी के ऊपर बना है और इससे नीचे की घाटी और शहर का नजारा बहुत सुन्दर दिखता है। ग्वालियर में कई राजवंशो ने राज्य किया है। यह किला ब्रिटिश काल में रानी लक्ष्मीबाई और तात्यातोपे की रणभूमि भी रहा हैं। यह किला उत्तर और मध्य भारत का सबसे सुन्दर और सुरक्षित किला माना जाता है।
पन्हाला किला
महाराष्ट्र में कोल्हापुर के पास सहयाद्री पर्वत में इस किले को बनाया गया है। यह किला मराठा शासकों की याद दिलाता है। महाराष्ट्र में ज़्यादातर किले शिवाजी के समय में बनाए गए थे। महाराष्ट्र के पुनडार किला, बहादुरगढ़ किला, अहमदगढ़ किला और रत्नगढ़ किले में आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। ये किले ट्रैकिंग के लिए बेहद फेमस हैं। महाराष्ट्र का मुरुद ज़िला 'जंजीरा' और खूबसूरत बीच के लिए फेमस है।
आगरा का किला
उत्तर प्रदेश के आगरा में बने इस किले को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है। पहले यह किला राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के पास था, बाद में इस पर महमूद गजनवी ने कब्जा कर लिया था। अपने वास्तुशिल्प, नक्काशी और सुंदर रंग-रोगन के साथ इसकी भव्यता के कारण यह देश सभी किलों में से सबसे ज्यादा सुंदर माना जाता है। इस किले की चहारदीवारी के अंदर एक पूरा शहर बसा हुआ जिसकी कई इमारतें बेहतरीन कला के नमूनों में से एक हैं। सफेद संगमरमर की मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मुसम्मन बुर्ज, जहांगीर पैलेस, खास महल और शीश महल उनमें से कुछ खास हैं।
मेहरानगढ़ का किला
यह किला जोधपुर में स्थित है और राजस्थान के बड़े किलों में से एक माना जाता है। यह किला एक पहाड़ी पर करीब 150 मी ऊपर बना हुआ है। इसको महाराजा राव जोधा ने 1459 ई में बनवाया था। इस किले तक आप जोधपुर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। इस किले में 7 दरवाजे हैं। हर गेट राजा के किसी युद्ध में जीतने पर स्मारक के तौर पर बनवाया गया था। इस किले में जायापॉल गेट राजा मानसिंह ने बनवाया था। किले के अंदर मोती महल, शीश महल जैसे भवनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया है। चामुंडा देवी का मंदिर और म्यूजियम इस किले के अंदर ही हैं। यह राजस्थान का सबसे अच्छा म्यूजियम माना जाता है।
कांगड़ा किला
यह किला हिमालय की सुन्दर वादियों में है, इसका नाम कांगड़ा किला है। यह भारत का सबसे पुराना किला है और दुनिया के पुराने किलों में इसकी गिनती होती है इस किले को कटोच वंश के महाराजा सुशर्मचंद ने बनवाया था। इस किले के जिस हिस्से में राजा रहता था उसको चांदनी महल कहा जाता था। इस किले के अंदर में व्रजेशवरी मंदिर भी स्थित है। यह किला धन-संपति के भंडार के लिए इतना प्रसिद्ध था कि मोहम्मद गजनी ने भारत में अपने चौथे अभियान के दौरान पंजाब को हराकर सीधे 1009 ईसवी में कांगड़ा पहुंचा था।
चित्तौड़गढ़ का किला
चित्तौडगढ़ को किलों का शहर कहा जाता है। यहां पर आपको भारत के सबसे पुराने और आकर्षक किले देखने को मिलेंगे। उन्हीं किलों में से एक चित्तौड़ का किला है। इस किले में बहुत से ऐतिहासिक मंदिर, स्मारक तथा कुंड बने हैं। इस किले के अंदर जाने के लिए सुरक्षा के तौर पर 7 दरवाजे बनाये गए थे, इनको सात पोल कहा जाता है। यह किला 500 फुट की पहाड़ी पर बेराच नदी के किनारे स्थित है। इस किले की विशेषता इसके मंदिर, बुर्ज, महल और जलाशय हैं। नदी के किनारे स्थित होने के कारण इसे पानी का किला भी कहा जाता है क्योंकि इस किले में 84 पानी के निकास की जगहें हैं, जिनमें से 24 आज के समय में सही स्थिति में हैं।
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