जादू-टोने से जुड़ी कई एक्टिविटीज के लिए जानी जाती है भारत की ये 6 जगहें, जाएं जरा संभलकर
By: Ankur Mon, 29 Aug 2022 12:14:52
इस जीवन में जहां आस्था हैं वहां अन्धविश्वास भी कायम हैं। इसके चलते कई लोग जादू-टोने पर विश्वास करते हैं। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी तंत्र-मंत्र और काले जादू के कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं। हांलाकि भारत के साथ ही कई देश हैं जिन्होनें जादू-टोने से जुड़ी गतिविधियां बैन कर रखी हैं। लेकिन आज भी देश के कई हिस्सों में छुपते-छुपाते जादू-टोने से जुड़ी कई एक्टिविटीज को अंजाम दिया जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आज भी काला जादू किया जाता है। आइये जानते हैं इन जगाहों के बारे में...
कुशाभद्रा नदी, उड़ीसा
कुशाभद्रा नदी के किनारे काले जादू की प्रेक्टिस किए जाने के संकेत मिले हैं। कई लोगो पर अटैक की खबरें भी यहां आती रहती हैं। इस बात का अब तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है। लेकिन जब शिकायत मिलने पर पुलिस ने यहां सर्चिंग की तो यहां कई ऐसी चीजें मिली जिससे पता चलता कि यहां काले जादू की प्रेक्टिस की जाती है। यहां 20 से ज्यादा नर कंकाल और हड्डियां मिली। साथ ही जानवरों की खोपड़ियां, फूल और कपड़े के टुकड़े भी यहां पाए गए।
मणिकर्णिका घाट, वाराणसी
वाराणसी जैसी पवित्र भूमि भी काले जादू का केंद्र है। वाराणसी में काला जादू करने वाले तांत्रिक साधुओं को अघोरी कहा जाता है। ये यहां के शमशान घाट पर तंत्र साधना करते हैं। ये तांत्रिक कहते हैं कि ये काला जादू शिव भगवान, काली माता को खुश करने के लिए करते हैं ताकि वे उन्हें ज्यादा पावरफुल बना दें। कहा जाता है कि यहां कई अघोरी बाबा शमशान घाट पर रहते हैं और लाशों को खाते हैं, उनका मानना है कि इससे उनकी शक्तियां बढ़ती हैं। मणिकर्णिका घाट वह जगह है जहां गुप्त रूप से काला जादू किया जाता है।
त्रिशूर, केरल
केरल के छोटे से गांव त्रिशूर में काले जादू किए जाने के प्रमाण मिले हैं। इसके चलते यह गांव काफी फेमस हो गया है। काला जादू देखने के लिए यहां टूरिस्ट आते हैं। यहां चट्टान और कुट्टिचट्टन को विष्णु का अवतार मानते हैं जो भैंस की सवारी करते हैं और जीवन की परेशानियों को दूर करते हैं। यहां पुजारी चट्टान को पास रखकर अलग- अलग तरह की पुजाएं करते हैं।
निमतला घाट, कोलकाता
मणिकर्णिका घाट की तरह ही निमताला घाट पर भी काला जादू किया जाता है। यह मृतकों के अंतिम संस्कार का स्थान है। आधी रात को, अघोरी बाबा इस स्थान पर आते हैं और मृतकों की लाशों के अवशेष खाते हैं।
मायोंग, असम
मायोंग गांव सदियों से काला जादू के लिए मशहूर है। यहां तक कि मुगल जनरलों और अंग्रेजों को भी इस गांव में आने में डर लगता था। काले जादू के कारण मयोंग गांव में कई लोग गायब हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है। इस जगह पर काले जादू से जुड़ी कई कहानियां हैं, उनमें से एक ये है कि यहां के लोग जानवरों में परिवर्तित हो जाते हैं। ग्रामीणों की अधिकांश आबादी काला जादू जानती है और उसका अभ्यास करती है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि शक्ति पीढ़ियों से चली आ रही है।
सुल्तान शाही, हैदराबाद
हैदराबाद को इन परंपराओं का केंद्र माना जाता है, मुख्यतः पास में सुल्तान शाही ऐसी जगहों जगहों एक लिए प्रसिद्ध है। यहां ऐसे अलग-अलग बाबा हैं जो काला जादू करते हैं, कुछ पैसे वसूल करते हैं, तो कई लोग इसके बदले संभोग के लिए कहते हैं, तो पशु बलि की भी मांग करते हैं। हैदराबाद में तीन और जगहें जहां काला जादू किया जाता है जैसे चित्रिका, मुगलपुरा और शालिबंद।