पुरुषों की ये गलत आदतें बन रही हैं स्पर्म काउंट घटने का कारण, समय रहते हो जाएं सतर्क
By: Ankur Thu, 04 Aug 2022 12:57:01
वर्तमान समय में देखने को मिल रहा हैं कि पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं जो उनके पिता बनने की चाहत में परेशानी का कारण बन रहे हैं। इसका एक कारक हैं स्पर्म काउंट में कमी अर्थात शुक्राणुओं में कमी जो पुरुषों की इनफर्टिलिटी को कमजोर बनाती हैं। पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने का मुख्य कारण आजकल की लाइफस्टाइल बनती हैं जहां खराब रहन-सहन और खान-पान की वजह से स्पर्म काउंट घटता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन गलत आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्पर्म काउंट घटने का मुख्य कारण होती हैं। इनसे बचने में ही पुरुषों की भलाई हैं। आइये जानते हैं इन गलत आदतों के बारे में...
आनुवांशिक कारण और पुरानी बीमारी
शरीर में शुक्राणुओं की कमी आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है इसके आलावा कोई गंभीर पुरानी बीमारी जिसकी वजह से शुक्राणुओं की संख्या पर असर होता है की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। अंडकोष या प्रोस्टेट का कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोरोनरी आर्टरी डिजीज की वजह से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है।
वेस्टर्न डाइट घटाती है स्पर्म काउंट
बता दें जिन पुरुषों की डाइट में ज्यादा वेस्टर्न फूड्स जैसे पिज्जा,फ्राइज, स्वीट्स, सोडा और रेड मीट आदि शामिल होता है उन पुरुषों का स्पर्म काउंट सामान्य डाइट लेने वाले लोगों की अपेक्षा कम होता है। वहीं जो लोग वेस्टर्न फूड्स ज्यादा खाते है उनमें फर्टिलिटी बढ़ाने वाले रिप्रोडक्टिव हार्मोन की भी कमी हो जाती है।इसलिए पुरुषों को वेस्टर्न डाइट को अपनी डाइट से बाहर कर देना चाहिए।
कैंसर और इसके इलाज के कारण
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी न सिर्फ शरीर के किसी एक अंग को प्रभावित करती है बल्कि इसकी वजह से शरीर का स्वस्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। कैंसर की बीमारी की वजह से और इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी, सर्जरी आदि की वजह से शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।
कई सारे सप्लीमेंट्स लेना
अगर आप में फिटनेस का जुनून है तो संभव है कि आप अपने लुक को मेंटेन रखने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स भी लेते हों। कई सारे सप्लीमेंट्स आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल को खराब कर सकता है जिसका सीधा असर आपके स्पर्म काउंट पर पड़ेगा।
हार्मोनल असंतुलन
शुक्राणुओं के उत्पादन में हॉर्मोन की भी भूमिका होती है, हॉर्मोन की कमी की वजह स्पर्म काउंट काफी कम हो सकता है। स्ट्रेस और टेंशन जितना कम लें उतना बेहतर है। स्ट्रेस के कारण हॉर्मोन्स में बदलाव आता है जिसका असर स्पर्म काउंट पर भी पड़ता है। ऐसे में रोज़ एक्सरसाइज करें और खुश रहे।
टाइट बॉक्सर पहनना
वर्षों के विवाद और परस्पर विरोधी अध्ययनों के बाद, एक नई स्टडी में पाया नए अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष बॉक्सर शॉर्ट्स पहनते हैं, उनमें टाइट ब्रीफ पहनने वालों की तुलना में शुक्राणुओं की संख्या अधिक होती है। बॉक्सर पहनने वालों में FSH, कूप उत्तेजक हार्मोन का स्तर भी कम होता है, जो शुक्राणु के लिए एक स्वस्थ वातावरण का संकेत देता है। अगर आप भी बॉक्सर शॉर्ट्स पहनते हैं, तो सावधान हो जाएं।
स्मोकिंग
स्मोकिंग बॉडी को कई तरीके से प्रभावित करती है। स्मोकिंग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इसके अलावा स्मोक करने से स्पर्म काउंट भी कम हो जाता है। सिगरेट पीने से शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ता है जो स्पर्म को डैमेज करता है। धूम्रपान से सीमेन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है एवं शुक्राणु इन-एक्टिव होने लगते हैं। इसलिए पुरुषों को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
ज्यादा शराब पीना
ज्यादा शराब पीने से ऐसे टॉक्सिन बनने लगते हैं जिसका खराब असर बॉडी पर पड़ता है। ये न केवल स्पर्म काउंट को कम करता है बल्कि स्पर्म को नुकसान भी पहुंचाता है। डेनमार्क में युवाओं पर हुई स्टडी के मुताबिक, अधिक शराब पीने वाले लोगों में शुक्राणुओं की संख्या 33 प्रतिशत कम हो गई थी। इसलिए पुरुषों को शराब से दूर रहना चाहिए।