पिछले कुछ समय में अचानक मौतों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई लोग नाचते हुए, जिम में एक्सरसाइज करते समय या ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए अचानक अपनी जान गंवा रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं लोगों के लिए सदमे का कारण बन जाती हैं, क्योंकि इस दौरान मरीज की जान चली जाती है इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाएं। डॉक्टरों का कहना है कि इन घटनाओं का कारण सडन कार्डियक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest) हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि सडन कार्डियक अरेस्ट के कारण क्या होते हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है।
सडन कार्डियक अरेस्ट के कारण:
डॉक्टर बलबीर सिंह (चेयरमैन, कार्डियक साइंस, मैक्स हॉस्पिटल) के मुताबिक, सडन कार्डियक अरेस्ट की कई वजहें हो सकती हैं। इनमें से एक प्रमुख कारण है एरिथमिया (arrhythmia)। एरिथमिया वह स्थिति है जब दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है, जिससे दिल अचानक खून पंप करना बंद कर देता है। इसके अलावा, लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम (Long QT Syndrome) और कुछ जेनेटिक सिंड्रोम भी इसके कारण बन सकते हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने की वजह से भी कई बार दिल की धड़कन रुक सकती है, जिससे व्यक्ति की जान जा सकती है।
हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (HSCRP):
डॉक्टर बलबीर सिंह का यह भी कहना है कि किसी को अपनी हार्ट हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (High-Sensitivity C-Reactive Protein Test) कराना चाहिए। यह टेस्ट आपको अपने दिल और धमनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है। सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) लिवर द्वारा निर्मित होता है, और यह शरीर में सूजन का संकेत देता है। उच्च स्तर पर CRP का स्तर हृदय रोग और कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को बढ़ा सकता है।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक और अप्रत्याशित रूप से खून पंप करना बंद कर देता है, जिससे शरीर के अन्य अंगों को खून की सप्लाई रुक जाती है। यह स्थिति अत्यधिक खतरनाक होती है, क्योंकि इससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती और व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। यह हार्ट अटैक से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है। कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन रुक जाती है और ब्लड प्रेशर भी पूरी तरह से रुक सकता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण:
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण अचानक सामने आते हैं और इन्हें पहचानना जरूरी है:
1. अचानक व्यक्ति का बेहोश होना
2. अचानक से गिर जाना
3. सांस लेने में तकलीफ होना
4. पल्स महसूस न होना
5. थकान महसूस होना
6. चक्कर आना
7. सांस लेने में कठिनाई होना
8. जी मिचलाना
9. छाती में दर्द होना
10. दिल की धड़कन तेज होना
11. होश खो देना
इन लक्षणों को पहचानकर समय रहते उपचार प्राप्त करना कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
सडन कार्डियक अरेस्ट से बचाव के उपाय:
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: ताजे और संतुलित आहार का सेवन करें। व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर नजर रखें: नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का चेकअप करवाएं।
मेडिकल चेकअप कराएं: विशेष रूप से हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट करवाएं ताकि हार्ट और धमनी की स्थिति का सही पता चल सके।
जल्दी उपचार प्राप्त करें: अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।