रात में बिस्तर पर बदलते है करवटे, ये एक चीज खाने से मिनटों में आ जाएगी नींद
By: Priyanka Maheshwari Sat, 12 Feb 2022 10:03:51
नींद हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक अच्छी नींद हमारे दिमाग को तरोताजा करने के लिए और शरीर के दूसरे अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है। अच्छी नींद ना मिलने से लोगों की हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ता है। नींद पूरी ना होना कई बार इंसान को चिड़चिड़ा बना देता हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नींद ना आना आपकी दिनचर्या पर निर्भर करता हैं। ऐसे में अगर आपको भी रात में जल्दी नींद ना आने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है।
आपको यह जानकर खुशी होगी कि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करने से नींद काफी जल्दी आती है। Eachnight.com के स्लीप एक्सपर्ट रोज़ी ओसमुन के मुताबिक, अध्ययनों में पाया गया है कि सोने से लगभग 4 घंटे पहले कार्ब्स खाने से देर से नींद आने के समय घटाया जा सकता है। ऐसे में अपने खाने में कार्ब्स को शामिल करें। एक और स्टडी से यह पता चला है कि जब आप सोने से पहले स्टार्चयुक्त कार्ब्स खाते हैं तो इससे नींद जल्दी आती है।
इसके लिए अध्ययन में कुछ लोगों को शामिल किया गया। सभी लोगों को सोने से पहले चावल और सब्जियां खिलाई गई। लेकिन एक दिन खाने में दूसरे तरह के चावल को शामिल किया गया। द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला कि जब लोगों ने सोने से चार घंटे पहले जैस्मिन राइस खाया तो उन्हें आमतौर पर सोने में लगने वाले समय से आधा समय लगा। लोगों को दिए इस जैस्मिन राइस में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) अधिक होता है, जबकि लंबे चावल में जीआई कम होता है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्ब्स ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन को बढ़ावा दे सकते हैं ये दो तरह के ब्रेन केमिकल्स होते हैं जो नींद लाने में मदद करते हैं।
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्ब्स वे होते हैं जो तेजी से टूटते हैं, जिससे ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती है। इसमें शामिल हैं ये चीजें-
- व्हाइट ब्रेड
- व्हाइट राइस
- सफेद आलू और फ्राई
- तरबूज और अनानास जैसे फल
- केक और कुकीज़
जिन खाद्य पदार्थों में जीआई लो या मीडियम होता है वह धीरे-धीरे टूटते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल में धीरे-धीरे वृद्धि होती है। शोध में उच्च जीआई कार्ब्सयुक्त खाद्य पदार्थों को नींद जल्दी लाने के लिए फायदेमंद माना गया है। लेकिन यह पूरी तरह से सपष्ट नहीं है। क्योंकि हाई जीआई कार्ब्स में केक, डोनट्स और पैकेज्ड सामान जैसे शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं - और विशेषज्ञ सोने से पहले शुगर इनटेक की सलाह नहीं देते हैं। इसके अवाला वजन कम करने वाले और डायबिटीज के टाइप 1 और टाइप 2 के मरीजों को भी ऐसे खाद्य पदार्थों स बचना चाहिए जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हों।
जल्दी नींद लाने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो
– नींद न आने पर बेड पर लेटकर कुछ योग करें। कुछ ऐसे योग हैं जो अच्छी नींद लाने में उपयोगी साबित हुए हैं जैसे भ्रामरी, प्राणायाम और शवासन करने से तुरंत नींद आ सकती है।
– नींद न आने पर एक्यूप्रेशर थेरेपी का सहारा लें। हमारे शरीर में कई ऐसे खास बिंदु हैं जिनको दबाने से नींद आ सकती है। अपने हाथ के अंगूठे को अपनी आईब्रोज के बीच 30 सेकंड तक रखें और हटाएं। इस प्रक्रिया को 4 से 5 बार करें।
– आप सीधे लेटकर अपनी पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाएं। आंखें थक जाएंगी और आपको जल्दी नींद आएगी।
– पूरे दिन की घटनाओं को उल्टे क्रम में याद करें। ऐसा करने पर दिमाग पर जोर पड़ेगा और नींद आएगी।
– दिनभर शरीर को एक्टिव रखें। जॉगिंग, वॉकिंग और स्वीमिंग करने से रात को गहरी नींद आती है।
– आसपास घड़ी न रखें, इसे देखने से नींद उचट जाती है और हर वक्त मिनट का हिसाब दिमाग में चलने लगता है।
पर्याप्त नींद न मिलने से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां
- मधुमेह
अच्छी नींद नहीं मिलने पर शुगर से भरपूर और जंक फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस
अच्छी नींद नहीं लेने की वजह से हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा हड्डियों में मौजूद मिनरल्स का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इसके चलते जोड़ों के दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।
- कैंसर
कई शोधों में ये बात सामने आई है कि कम नींद लेने की वजह से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में कोशिकाओं को भी काफी नुकसान होता है।
- हार्ट अटैक
जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है। इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
- मानसिक स्थिति पर बुरा असर
कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है। लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानी भी हो जाती है।
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