कहीं आप भी तो नहीं करते नींद पूरी ना लेने की गलती, हो सकता हैं इन 10 बीमारियों का सामना
By: Ankur Tue, 02 Aug 2022 7:32:46
वर्तमान समय की जिंदगी में बीमारियां इतनी जल्दी अपने पैर पसार रही हैं कि कोई भी इंसान इनसे अछूता नहीं रह पाता हैं। इसका सबसे मुख्य कारण बनता हैं व्यक्ति का पूरी नींद नहीं ले पाना। जी हां, जो भी व्यक्ति 7 से 8 घंटे की नींद नहीं ले रहा तो समझिए वो अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। अच्छी और पर्याप्त नींद के अभाव में स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिस वक्त हम सोते हैं हमारे कई अंग शरीर के विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करते हैं ताकि जब सुबह हम उठें तो हल्का महसूस करें। स्वस्थ शरीर के लिए जितना अहम खानपान और व्यायाम होता है, उतनी ही जरूरी नींद भी है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूरी नींद ना लेने के कारण कौनसी बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं...
डायबिटीज़
नींद ना पूरी होने के कारण डायबिटीज़ का खतरा भी बढ़ जाता है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इससे हमारे शरीर में इंसुलिन का लेवल कम होने लगता है। जो लोग 5 घंटे या उससे कम नींद लेते हैं उनका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होता है और ऐसे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
वजन बढ़ना
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपके बढ़े हुए वजन का कारण नींद की कमी भी हो सकता है। दरअसल, जब हम लगातार 5 घंटे या उससे कम सोते हैं तो इससे हमारे दिमाग में कई केमिकल रिएक्शन होते हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट भरा होने के बावजूद हमारा दिमाग हमें और खाने का संकेत देता है। ऐसे में हम भूख से अधिक खा लेते हैं जिससे हमारा वजन बढ़ता है।
दिल की सेहत के लिए खतरा
जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है। इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ठीक तरीके से नींद न लेने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट सीधे तौर पर प्रभावित होता है। लिहाजा शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है और हृदय संबन्धी परेशानियों का रिस्क बढ़ जाता है।
सेक्स ड्राइव में कमी
नींद ना पूरी होने के कारण हमारी सेक्स लाइफ भी प्रभावित हो सकती है। जब हम 5 घंटे या उससे कम नींद लेते हैं तो इससे हमारे शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन होने लगता है। इससे हमारी सेक्स ड्राइव भी कम होने लगती है और हम अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय नहीं कर पाते हैं।
याद्दाश्त संबंधित समस्याएं
नींद के दौरान हमारे दिमाग में कई केमिकल एक्शंस होते हैं। जब हम सोते हैं तो हमारा दिमाग में कुछ ऐसे केमिकल फंक्शन होते है जो हमें चीज़ों को याद रखने में मदद करते हैं। नींद ना पूरी होने के कारण ये फंक्शन ठीक से नहीं हो पाते हैं जिसके कारण हमारी याद्दाश्त पर प्रभाव पड़ता है। कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है। लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं।
तनाव, गुस्सा और डिप्रेशन की समस्या
जब आपकी नींद पूरी नहीं होती हो तो दिमाग को आराम नहीं मिल पाता। लिहाजा स्ट्रेस बढ़ता है और तनाव की स्थिति में कभी कोई काम ठीक से नहीं हो पाता। ऐसे में गुस्सा, इरिटेशन और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं।
इम्युनिटी कमजोर होना
नींद ना पूरी होने के कारण हमारी इम्युनिटी पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है। इससे हमारा शरीर आंतरिक तौर पर कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में हमारा शरीर बीमारियों के चपेट में जल्दी आ जाता है। नींद ना पूरी होने के कारण सर्दी-जुखाम, संक्रमण आदि का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है, जिससे यह साबित होता है कि इम्यूनोलॉजिकल का नींद से गहरा संबंध होता है। ऐसे में जब नींद प्रभावित होती है तो इसका हमारी इम्यूनिटी सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस
अच्छी नींद नहीं लेने की वजह से हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा हड्डियों में मौजूद मिनरल्स का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इसके चलते जोड़ों के दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।
कैंसर
कई शोधों में ये बात सामने आई है कि कम नींद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में कोशिकाओं को भी काफी नुकसान होता है।
हार्मोनल समस्याएं
आजकल महिलाओं में थायरॉयड, पीसीओडी जैसी कई हार्मोनल परेशानियां का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसकी बड़ी वजह स्ट्रेस है। नींद की कमी से भी स्ट्रेस बढ़ता है और ये तनाव कई समस्याओं की वजह बनता है। इसकी वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिलाओं में चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी परेशानियां हो जाती हैं। ये परेशानियां अन्य बीमारियों को न्योता देती हैं।