2 News : सोनू ने रफी की तारीफ में कह डाली इतनी बातें, शबाना आजमी ने बताया राजेश खन्ना का दिलचस्प किस्सा
By: Rajesh Mathur Sun, 01 Dec 2024 2:24:30
महान गायक मोहम्मद रफी को इस दुनिया से रुखसत हुए भले ही कई साल हो गए हो, लेकिन उनके तराने आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं। रफी ने हजारों गानों को अपनी मखमली आवाज से सजाया। इस बीच दिवंगत रफी को हाल ही में गोवा में आयोजित 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में सम्मानित किया गया। ‘आसमान से आया फरिश्ता – ए ट्रिब्यूट टू मोहम्मद रफी - किंग ऑफ मेलॉडी’ नाम के सेशन के दौरान मशहूर गायक सोनू निगम ने रफी के बारे में बात की।
सोनू ने कहा कि यह व्यक्ति ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं’ गा रहा है और ‘सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए’ भी गा रहा है। उनकी आवाज दिलीप कुमार, जॉनी वॉकर, महमूद और ऋषि कपूर पर भी जंचती थी। रफी की आवाज स्क्रीन पर अलग-अलग पर्सनैलिटी को कंप्लीट करती थी। जब वे भजन गाते हैं, लगता है कोई पक्का हिंदू गा रहा है। हैं वो मुसलमान, नमाजी आदमी हैं। इनका धर्म परिवर्तन कैसे हो जाता है गायकी में? उनमें किसी भी जॉनर या इमोशन को बयां करने की अद्भुत क्षमता थी।
मैं ऐसे कई गायकों को जानता हूं जो सूफी गाने तो बहुत अच्छे से गा सकते हैं, लेकिन कोई भजन नहीं गा सकते। रफी रमजान, रक्षाबंधन के लिए गाते थे। वे हैप्पी सॉन्ग, सैड सॉन्ग, यहां तक कि सबसे मशहूर हैप्पी बर्थडे गाना भी गाते थे। ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्होंने न किया हो। ये कौन आदमी है? वह एक ज्वालामुखी था, जो केवल माइक पर ही फटता था। उल्लेखनीय है कि सोनू ने कई स्टेज शो में रफी के गाने गाए हैं। बता दें रफी का जन्म साल 1924 में हुआ था। उनका 55 साल की उम्र में निधन हो गया।
शबाना आजमी ने याद की ‘अवतार’ फिल्म के गाने की शूटिंग
शबाना आजमी (74) एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो आर्ट और कमर्शियल दोनों सिनेमा में सफल रहीं। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर की पत्नी शबाना अब कभी कभार ही फिल्मों में नजर आती हैं। शबाना ने हाल ही रेडियो नशा के साथ बातचीत में साल 1983 में रिलीज हुई उनकी फिल्म अवतार के गाने ‘चलो बुलावा आया है’ की शूटिंग के दौरान का किस्सा शेयर किया। शबाना ने कहा कि उस समय वैष्णो देवी के मंदिर में शूटिंग करना बहुत कठिन था।
तब हेलीकॉप्टर की सुविधा नहीं थी। हमें मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चढ़ाई करनी पड़ती थी। रास्ते में टॉयलेट की कोई सुविधा नहीं थी, जिस कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। क्या आप सोच सकते हैं कि सुपरस्टार राजेश खन्ना डालडा के डिब्बों के साथ लाइन में खड़े होते थे? इतना ही नहीं, उस समय ठंड भी बहुत ज्यादा थी।
सभी लोग धर्मशालाओं में फर्श पर सोते थे। हमारे पास गद्दे थे। लेकिन उन पर लगभग 12 परतों की कंबल डाली जाती थीं। हम छह परतों से खुद को ढकते थे। इसके बाद भी ठंड महसूस होती थी। उस समय हम सभी एक टीम की तरह थे। किसी के मन में यह नहीं था कि हम सुपरस्टार हैं, तो एडजस्ट नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि राजेश और शबाना अच्छे दोस्त थे। दोनों ने साथ में 7 फिल्में कीं।
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