अक्षय कुमार की फिल्मों को लेकर आए दिन तरह-तरह की चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर नजर आ रहा है। खिलाड़ी कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘केसरी 2’ को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिससे फिल्म की टीम मुश्किलों में घिरती दिख रही है। बताया जा रहा है कि फिल्म के 7 प्रोड्यूसर्स के खिलाफ पश्चिम बंगाल में एफआईआर दर्ज की गई है, और इसकी वजह कोई मामूली बात नहीं है।
दरअसल, ‘केसरी 2’ पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया गया है। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का कहना है कि फिल्म में बंगाल के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को या तो नज़रअंदाज़ कर दिया गया है या फिर जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया है। यही नहीं, विधाननगर दक्षिण पुलिस स्टेशन में आईपीसी की कई धाराओं के तहत फिल्म के मेकर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
क्रांतिकारियों की छवि से छेड़छाड़?
टीएमसी का आरोप है कि फिल्म में महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस को ‘खुदीराम सिंह’ और बरिंद्र कुमार घोष को ‘बीरेंद्र कुमार’ बताकर दर्शाया गया है, जिससे न सिर्फ तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है, बल्कि उन महान आत्माओं की स्मृति का भी अपमान किया गया है। इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है और पूरे घटनाक्रम को एक गहरी साजिश करार दिया है।
इतिहास के साथ खिलवाड़ या साजिश?
घोष का कहना है कि यह महज कोई स्क्रिप्टिंग मिस्टेक नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई में बंगाल की ऐतिहासिक भूमिका को मिटाने की साजिश है। फिल्म के कई सीन और संवाद इस ओर इशारा करते हैं कि जानबूझकर बंगाली क्रांतिकारियों के योगदान को या तो कम दिखाया गया है या गलत तरीके से चित्रित किया गया है। इससे बंगाल की जनता के दिलों में गुस्सा पनप रहा है।
कृपाल सिंह बनाम कृपाल घोष: कल्पना बनाम सच्चाई
कुणाल घोष का दावा है कि उनके ऐतिहासिक किरदार को फिल्म में 'कृपाल सिंह' जैसे काल्पनिक नाम से बदला गया है, जिससे यह साबित होता है कि फिल्म निर्माताओं ने तथ्यात्मक गंभीरता को नजरअंदाज किया है। इस पर अब केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।
ममता बनर्जी की नाराजगी भी आई सामने
इस विवाद को और हवा तब मिली जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना फिल्म का नाम लिए तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “आजादी की लड़ाई में बंगाली क्रांतिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिका को कमतर आंकने की कोशिश की जा रही है, जिसे हम किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।” मुख्यमंत्री की नाराजगी से यह साफ हो गया है कि अब यह मामला सिर्फ फिल्मी विवाद नहीं, बल्कि भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।