
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास हर साल भगवान शिव की आराधना, उपवास और विविध धार्मिक अनुष्ठानों का महीना माना जाता है। वर्ष 2025 में यह पवित्र महीना 11 जुलाई, शुक्रवार से आरंभ होकर 9 अगस्त, शनिवार को समाप्त हो रहा है। परंपरागत रूप से सावन 30 दिनों का माना जाता है, लेकिन इस बार यह केवल 29 दिनों का रहेगा। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों हुआ है, और साथ ही सोमवार व्रत की प्रमुख तिथियाँ कौन-सी हैं।
तिथि क्षय के कारण घटा एक दिन
सावन मास 2025 में कुल दिन 29 ही इसलिए हैं क्योंकि इस बार पंचांग में त्रयोदशी तिथि (शुक्ल पक्ष) का क्षय हो रहा है।
'तिथि क्षय' का अर्थ होता है कि कोई तिथि गणनात्मक रूप से दिन-रात्रि के दौरान पूरी तरह नहीं आती या बहुत अल्प समय के लिए ही उपस्थित होती है, जिससे उसका धर्म, उपवास या पर्व निर्धारित नहीं होता। इस वर्ष सावन के शुक्ल पक्ष में यही स्थिति बनी है, जिससे कुल दिनों की संख्या 30 की बजाय 29 रह गई है।
यह घटना पंचांगों में दुर्लभ नहीं है, लेकिन हर वर्ष नहीं होती। इसलिए 2025 का सावन मास विशेष रूप से चर्चा में है।

रक्षाबंधन के साथ समाप्त होगा सावन
एक और विशेष संयोग यह है कि 9 अगस्त 2025, जब सावन समाप्त हो रहा है, उसी दिन रक्षा बंधन का पर्व भी मनाया जाएगा। यह स्थिति हर साल नहीं बनती। सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन आता है, लेकिन इस बार उसी दिन मासांत भी है, जिससे यह दिन दोहरे धार्मिक महत्व वाला बन गया है।
सावन सोमवार 2025: व्रत की तिथियाँ
सावन में सोमवार व्रत को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। शिवभक्त इस दिन विशेष पूजा, उपवास, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं। विशेष रूप से अविवाहित कन्याएँ इस दिन मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएँ अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं।
वर्ष 2025 में सावन के सोमवार की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
—14 जुलाई 2025 – पहला सावन सोमवार
—21 जुलाई 2025 – दूसरा सावन सोमवार
—28 जुलाई 2025 – तीसरा सावन सोमवार
—4 अगस्त 2025 – चौथा और अंतिम सावन सोमवार
इस बार चार सोमवार ही पड़ रहे हैं, जो सामान्य है, लेकिन कई वर्षों में पांच सोमवार भी पड़ सकते हैं, विशेषकर जब सावन अधिक दिनों का हो।
क्यों विशेष है यह सावन?
हालांकि इस बार सावन में दिन कम हैं, लेकिन पंचांग के अनुसार कई शुभ योग और संयोग बन रहे हैं। इस मास में पड़ने वाले सोमवार पर विशेष नक्षत्र और योगों की उपस्थिति इसे और फलदायी बनाती है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि "श्रावण मासे जितं पापं, न कदाचित पुनः भवेत्" – अर्थात श्रावण मास में जो उपवास, दान और शिव-पूजन किया जाए, वह समस्त पापों को नष्ट कर देता है और जन्मों तक पुण्य प्रदान करता है।
सावन 2025 अपने अंदर कई विशेषताएं समेटे हुए है — 29 दिनों का मास, रक्षाबंधन के साथ समापन, और चार पावन सोमवार व्रत। यह महीना न केवल शिव भक्ति का काल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में अध्यात्म और पर्व परंपरा की गहराई को भी दर्शाता है।
इसलिए भले ही दिन कम हैं, लेकिन श्रद्धा और समर्पण से किया गया पूजन, भक्तों को अधिकतम आध्यात्मिक फल प्रदान करने वाला सिद्ध होगा।














