शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय के देवता माना जाता है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल या दंड प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि का राशि परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह सभी राशियों पर गहरा प्रभाव डालता है। शनि देव अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं और 29 मार्च को वे राशि परिवर्तन कर गुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे।
शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव
शनि के मीन राशि में प्रवेश करते ही मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। वहीं, मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण और कुंभ राशि के जातकों पर तीसरा चरण प्रभावी होगा। इसके अलावा, सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी, जबकि कुछ राशियों को ढैय्या से मुक्ति मिलेगी, जिससे उनके जीवन में उन्नति और समृद्धि आने की संभावना बढ़ जाएगी। आइए जानते हैं वे भाग्यशाली राशियाँ कौन-सी हैं।
वृश्चिक राशि
शनि के राशि परिवर्तन से वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। इस बदलाव के साथ ही उनके रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं और जीवन में तरक्की के नए अवसर मिल सकते हैं। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, जिससे करियर में सफलता की संभावना बढ़ेगी। स्थान परिवर्तन के योग बन सकते हैं, वहीं वैवाहिक जीवन में सुख और सहयोग प्राप्त होगा। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं।
कर्क राशि
शनि के इस गोचर के साथ ही कर्क राशि के जातकों की भी ढैय्या समाप्त हो जाएगी। उनके लिए अच्छे दिनों की शुरुआत हो सकती है। करियर में उन्नति होगी, प्रमोशन और वेतन वृद्धि के योग बन सकते हैं। व्यापार में भी लाभ की संभावनाएँ प्रबल रहेंगी, साथ ही कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। लंबे समय से अटका हुआ धन वापस मिल सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
शनि के इस राशि परिवर्तन से कई राशियों पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन वृश्चिक और कर्क राशि के जातकों के लिए यह एक सुखद बदलाव साबित हो सकता है।