
आज सावन का पहला सोमवार है, और ऐसे पावन दिन पर हर भक्त चाहता है कि भोलेनाथ की कृपा उस पर बनी रहे। भक्तजन पूरे भक्ति-भाव के साथ मंदिरों में उमड़ते हैं और शिवलिंग का अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। सावन माह का हर सोमवार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना गया है। इसी विशेष दिन पर शिवमहापुराण में बताए गए उपायों को अपनाकर शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है।
शिवमहापुराण से जानें—क्या अर्पित करें शिवलिंग पर
शिवमहापुराण के रुद्रखंड के 14वें अध्याय में भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली चीजों और उनकी विधियों का विस्तार से वर्णन मिलता है। मान्यता है कि भगवान शिव पर चढ़ाई गई हर वस्तु, अगर श्रद्धा और विधि से अर्पित की जाए, तो उसका फल अनेक गुना होता है।
अखंडित चावल: महादेवी को चढ़ाए गए चावल से लक्ष्मी प्राप्ति होती है, पर ये चावल टूटे हुए नहीं होने चाहिए। इन चावलों को विधिपूर्वक शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं।
कमल, बेलपत्र और शंखपुष्प: अगर आप मां लक्ष्मी की कृपा भी पाना चाहते हैं तो भगवान शिव को इन पवित्र पुष्पों के साथ पूजें।
तिल और वस्त्र: एक लाख तिल से भगवान शिव का पूजन करने से सभी दुखों और जीवन के कलेशों से छुटकारा मिलता है। साथ ही, शिवलिंग पर वस्त्र अर्पित करने का भी विशेष महत्व है।
जौ के दाने: शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से स्वर्गीय सुख की प्राप्ति होती है।
गंध, पुष्प, धूप-दीप: ये पूजन का अभिन्न हिस्सा हैं, बिना इनके पूजा अधूरी मानी जाती है।
शिव का धारा पूजन: सरल उपाय, दिव्य फल
शिव को जलधारा अर्पित करना सबसे प्रभावशाली विधियों में से एक माना गया है। इसके साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख, शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
गेहूं से बने भोजन से पूजन: इससे संतान की प्राप्ति होती है।
भस्म और घी की धारा: घी से की गई धारा भगवान को अति प्रिय होती है।
दूध में शक्कर मिलाकर चढ़ाना: इससे उत्तम बुद्धि मिलती है।
शहद अर्पण: भगवान आपके शरीर के रोगों का नाश करते हैं।
गन्ने का रस: यह आनंददायक माना गया है और मन को शांति देता है।
गंगाजल: इससे भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
महामृत्युंजय जाप से मिलता है शिवलोक
मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और विधिविधान से भगवान शिव की पूजा करता है, और महामृत्युंजय मंत्र का 10,000 बार जाप करता है, वह जीवन में सब सुख भोगने के बाद अंत में शिवलोक को प्राप्त करता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।














