पुराणों में बताया गया हैं चैत्र पूर्णिमा का महत्व, जानें इस दिन की विशेषताएं

By: Ankur Mundra Mon, 26 Apr 2021 08:33:01

पुराणों में बताया गया हैं चैत्र पूर्णिमा का महत्व, जानें इस दिन की विशेषताएं

चैत्र हिंदी वर्ष का प्रथम मास हैं जिसमें आई पूर्णिमा को भाग्यशाली माना जाता हैं। इस बार चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल, मंगलवार को हैं। चैत्र पूर्णिमा को भाग्यशाली पूर्णिमा भी कहा जाता हैं जिसका पुराणों में बहुत महत्व बताया गया हैं। इस दिन रखा गया व्रत श्री हरि विष्‍णु की विशेष कृपा दिलाता हैं और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। पूर्णिमा को अन्धकार पर प्रकाश की जीत के लिए जाना जाता हैं जिसमें भगवान अपने भक्तों की जिंदगी से अंधकार को दूर कर सकते हैं। इस दान-पुण्य का भी विशेष महत्व माना गया हैं जिससे चंद्र देव प्रसन्‍न होते हैं और जीवन में समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं। इस दिन पतितपावनी गंगा में स्‍नान से सभी दु:ख दूर हो जाते हैं। पुराणों में वर्णित है कि इस दिन आप तुलसी स्‍नान करके मां लक्ष्‍मी की विशेष कृपा पा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको चैत्र पूर्णिमा की व्रत -विधि और विशेषताओं की जानकारी देने जा रहे हैं।

astrology tips,astrology tips in hindi,chaitra purnima 2021,vrat vidhi ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, चैत्र पूर्णिमा 2021, व्रत विधि

चैत्र पूर्णिमा व्रत विधि

व्रत कोई भी हो लेकिन पूरी श्रद्धा और आस्‍था से इसका पालन नहीं किया जाए तो उसका फल नहीं मिलता। चैत्र पूर्णिमा में भी इसी नियम का पालन किया जाता है। इसके लिए पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए। इस दिन माता लक्ष्मी की भी उपासना करना चाहिए। इसके लिए आप कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इसके बाद रात्रि के समय चंद्रमा को जल अर्पित करें और पूजा करें। इसके बाद अन्न से भरे घड़े को किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीब व्यक्ति को दान कर देना चाहिए। इस तरह से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।

सत्यनारायण भगवान की होती है पूजा

चैत्र पूर्णिमा के दिन ही सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है और इस दिन उपवास भी रखा जाता है। जो लोग रामायण या भागवत कथा का आयोजन करवाने में असर्मथ होते हैं, वह इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करवाते हैं। यह कथा पूर्णिमा के दिन घर पर करवाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

astrology tips,astrology tips in hindi,chaitra purnima 2021,vrat vidhi ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, चैत्र पूर्णिमा 2021, व्रत विधि

इस दिन होती है हनुमान जयंती

चैत्र पूर्णिमा पुण्य फल प्रदान करने वाली बताई गई है। इस दिन भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। बजरंगबली के जन्मोत्सव के रूप में भी चैत्र पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन हनुमानजी की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।

महारास का होता है समापन

चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जानी जाती है। धार्मिक पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने ब्रज में रास के उत्सव का समापन किया था। यह उत्सव महारास के नाम से जाना जाता है। यह महारास कार्तिक पूर्णिमा को शुरू होकर चैत्र पूर्णिमा को समाप्त हुआ था। बताया जाता है कि इस महारास में हाजरों गोपियों ने भाग लिया था और भगवान कृष्ण ने हर गोपी के साथ नृत्य किया था।

इस दिन होगा कुंभ का अंतिम शाही स्नान

चैत्र पूर्णिमा के दिन कुंभ का अंतिम शाही स्नान किया जाएगा। इस दिन अखाड़े के सन्यासी कुंभ का अंतिम शाही स्नान करेंगे। पुराणों में बताया गया है कि देवी-देवता कुंभ में अदृश्य होकर स्नान करते हैं और धन्य मानते हैं। कुंभ का अंतिम स्नान तीनों बैरागी अणियों के लिए सबसे बड़ा माना जाता है। इस दिन वैष्णवों का तिलक वैभव दर्शनीय होगा।

ये भी पढ़े :

# यहां जानें कौनसी राशि के लिए शुभ रहेगा कौनसा धातु, शारीरिक और आर्थिक परेशानियां होगी दूर

# छोटी उंगली खोलती हैं कई छुपे हुए राज, संरचना देती है इन बातों का संकेत

# उड़द दाल के ये उपाय बदल देंगे आपकी किस्मत, घर में आएगी बरकत

# गायत्री मंत्र में छिपा हैं हर समस्या का निदान, जाप से होंगे ये 5 फायदे

# आपके जीवन में पैसों की तंगी का कारण बनती हैं वास्तु की ये गलतियां, बना सकती हैं कंगाल

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com