साढ़े तीन साल तक कैमरे की नज़र में कैद रहे सचिन, तब जाके बनी उनकी बायोपिक

जेम्स अर्स्किन ने बताया कि वो भी क्रिकेट खेलते थे। उन्हें क्रिकेट का बहुत शौक है। उन्होंने ‘अली’ जैसी कई स्पोर्ट्स फिल्में देखीं है, और उन्हें यही से आइडिया आया कि सचिन पर भी ऐसी एक फिल्म बननी चाहिए। वो हमारे रियल हीरो हैं. स्पोर्ट्स में उनसे बड़ा कोई नहीं. उनकी कहानी कई लोगों और जनरेशन के लिए प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि जब हमने फिल्म की शूटिंग शुरु की थी तब तक कोई भी बायोपिक नहीं आई थी। ना भाग मिल्खा भाग, ना मैरीकॉम. इस फिल्म में फिक्शन बहुत कम है। उनका कहना है कि सचिन को सब जानते है इसलिए एस मूवी में हमनें कुछ अलग एंगल लिया है. जो जैसा था सब कुछ वैसा ही है
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