वाराणसी फ्लाईओवर हादसा: बचाव एवं राहत कार्य पूरा, 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में कैंट रेलवे स्टेशन के निकट निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसे में बचाव एवं राहत का काम पूरा हो चुका है। एनडीआरएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि बचाव कार्य पूरा हो चुका है। आगे जानें घटना की प्रमुख बातें-

- बीम को क्रेन की मदद से हटाया जा चुका है।

- मलबे में दबे वाहनो को दोपहर तक हटाया जाएगा।

- भीड़भाड़ वाले इस क्षेत्र में निर्माणधीन पुल के दोनों ओर दीवार खडी की जाएगी।

- स्लैब के नीचे एक बस, एक बोलेरो और एक होंडा सिटी कार और कई मोटरसाइलें दबीं।

- हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत, मरने हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका।

- हादसा उस वक्त हुआ जब मशीन और मजदूर गाटर को पिलर पर चढ़ा रहे थे तभी बैलेंस बिगड़ गया और नीचे से कतार में गुजर रहे वाहनों के ऊपर गाटर गिर गया।

- हादसा करीब 6 बजे शाम का है। मौके पर एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें पहुंच चुकी हैं। स्थानीय विधायक कैलाश सोनकर ने बताया कि यह बहुत बड़ा हादसा है और यह सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियेां की लापरवाही से हुआ है।

- मलबे के नीचे अभी कई वाहन दबे हैं। प्रशासन मलबे में दबे लोगों को हटाने का काम कर हो रहा है। मामले पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि हादसा बड़ा है जिसे में जरूर कोई न कोई लापरवाही रही होगी।

- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम योगी को फोनकर हादसे के बारे में जानकारी की। सीएम योगी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

- घटनास्थल के आसपास ट्रैफिक जाम ज्यादा होने के कारण राहत व बचाव कार्य में दिक्कत।
- पिछले कई माह से कैंट-लहरतारा के बीच फ्लाईओवर बनने का काम चल रहा था। फ्लाईओवर की सर्विस लेन से ही बनारस से इलाहाबाद, मिर्जापुर,सोनभद्र एवं भदोही जिलों के लिए बसों और सामान्य ट्रैफिक का आवागमन होता है। इसके चलते पुल का निर्माण भी धीमा है। हादसे के समय भी जाम लगा था।