
बूंदी। राजस्थान के बूंदी जिले में दो दिनों की जोरदार बारिश ने मानो जीवनदायिनी जल की बहार ला दी है। इंद्रदेव की इस मेहरबानी से जिले के 23 बांधों में पानी की आवक दर्ज की गई है। चांदा का तालाब छलक उठा है और भीमलत बांध भी भरने की कगार पर पहुंच गया है। मानसून की इस पहली बड़ी बारिश ने क्षेत्र में पानी का संकट काफी हद तक कम कर दिया है।
चांदा का तालाब छलका, भीमलत हुआ लगभग भरपूरबूंदी जिले के जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता धनराज मीणा ने बताया कि शुरुआती बारिश से जिले के प्रमुख बांधों में पानी की पर्याप्त आवक हो चुकी है। चांदा का तालाब अपनी भराव क्षमता 21.50 फीट को पार कर 22 फीट तक भर चुका है, जिससे बांध पर आधा मीटर की चादर चल रही है। वहीं, भीमलत बांध में 33 फीट पानी भर चुका है और इसकी कुल क्षमता 36 फीट है। यदि अगले एक-दो दिन बारिश जारी रही तो यह भी ओवरफ्लो कर जाएगा।
‘मिनी गोवा’ बरधा बांध में भी पानी बढ़ातालेड़ा क्षेत्र में स्थित बरधा बांध, जिसे पर्यटक 'मिनी गोवा' के नाम से जानते हैं, अब तक 16.50 फीट पानी से भर चुका है जबकि इसकी कुल क्षमता 21 फीट है। लगातार बारिश हुई तो यहां भी पानी की चादर चलने लगेगी। यह बांध पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है और हर साल भरते ही पर्यटकों की भीड़ लग जाती है।
बारिश के आंकड़े: बूंदी में 53 एमएम, नैनवा में सर्वाधिकसिविल डिफेंस कंट्रोल रूम के अनुसार, बीते 24 घंटे में बूंदी जिले में कुल 53 एमएम वर्षा दर्ज की गई। नैनवा में सबसे अधिक 31 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा तालेड़ा और इंद्रगढ़ में 8-8 एमएम, बूंदी और हिंडोली में 2-2 एमएम तथा केशवराय पाटन और रायथल में 1-1 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
जिले में पानी की आवक से किसानों और ग्रामीणों में खुशीबारिश से सभी प्रमुख नदियों, तालाबों और बांधों में अच्छी आवक हुई है। इससे किसानों को राहत मिली है और खरीफ की फसलों के लिए बेहतर शुरुआत की उम्मीद जगी है। ग्रामीणों और किसानों में जलभराव की खबर से उल्लास का माहौल है, क्योंकि जल संकट की आशंका अब कुछ समय के लिए टल गई है।
बूंदी में मानसून की पहली बड़ी बारिश ने न सिर्फ बांधों को जल से भर दिया है, बल्कि आमजन को गर्मी और पानी की चिंता से भी राहत दी है। अगर बारिश का यही क्रम कुछ दिन और बना रहा तो यह जल भंडारण पूरे साल के लिए अमूल्य साबित हो सकता है।