
पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, आरोपियों का सीधा संपर्क पाकिस्तानी हैंडलर से था और वे संवेदनशील जानकारियां पेन ड्राइव और मोबाइल फोन के जरिए साझा कर रहे थे। इन गिरफ्तारियों ने एक बड़े जासूसी-आतंकी नेटवर्क की पोल खोल दी है, जिसे अब ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
सीधा संपर्क में था आईएसआई हैंडलर सेगिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गुरप्रीत सिंह पाकिस्तानी हैंडलर राणा जावेद के सीधे संपर्क में था। उस पर संवेदनशील और गोपनीय जानकारी को पेन ड्राइव के माध्यम से साझा करने का गंभीर संदेह है।
डीजीपी ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिनके जरिए आईएसआई से संवाद किया जा रहा था। मोबाइल फोन से मिले डिजिटल सुरागों की जांच से यह मामला और गहराता जा रहा है।
पंजाब पुलिस का बड़ा दावा: नेटवर्क ध्वस्त करने की कार्रवाई जारीडीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस देश की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि पाकिस्तान समर्थित इस तंत्र को जड़ से उखाड़ा जा सके।
पहले भी हो चुकी है ISI से जुड़ी गिरफ्तारीयह कोई पहला मामला नहीं है। 2 जून को भी पुलिस ने तरनतारन जिले से गगनदीप सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जो सैन्य तैनाती और रणनीतिक ठिकानों की जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। उसकी गिरफ्तारी से भी दो मोबाइल फोन और 20 से ज्यादा आईएसआई संपर्कों की जानकारी हाथ लगी थी।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल मॉड्यूल भी ध्वस्तइससे कुछ दिन पहले, 21 जून को अमृतसर पुलिस ने ब्रिटेन में बैठे हैंडलर धरम सिंह उर्फ धर्मा संधू के निर्देश पर काम कर रहे बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के एक स्थानीय सदस्य ओंकार सिंह उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया था। उसके पास से छह विदेशी पिस्तौल बरामद हुई थीं, जिनमें चार 9एमएम ग्लॉक और दो 30 बोर पीएक्स-5 शामिल थे। ये हथियार भारत-पाक सीमा के जरिए ड्रोन से तस्करी करके मंगवाए गए थे।
पंजाब में लगातार हो रही इन गिरफ्तारियों से साफ है कि आईएसआई न केवल खालिस्तानी तत्वों को उकसा रही है, बल्कि जासूसी नेटवर्क को भी मजबूत कर रही है। लेकिन पंजाब पुलिस की सक्रियता से ऐसे नेटवर्क एक के बाद एक बेनकाब हो रहे हैं। आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और भी चेहरों के सामने आने की पूरी संभावना है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है और केंद्र सरकार की सतर्कता भी अब इन मामलों पर और बढ़ सकती है।