तीन तलाक बिल का हुआ 'तलाक', PM मोदी बोले - करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों को सम्मान से जीने का हक मिला

देश के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पास हो गया और अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल पास करवा लिया। बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि खिलाफ में 84 वोट पड़े, वोटिंग के वक्त 183 सांसद ही सदन में मौजूद थे। राज्यसभा में दूसरा मौका है जब सरकार ने राज्यसभा में संख्या बल अपने पक्ष में नहीं होने के बावजूद महत्वपूर्ण विधेयक को पारित करवाया। इससे पहले कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद आरटीआई संशोधन विधेयक को उच्च सदन में पारित करवाने में सरकार सफल रही थी।

राज्यसभा में मंगलवार दोपहर 12 बजे के करीब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन सदन के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने आगे कहा कि 20 से ज्यादा इस्लामिक देशों ने तीन तलाक प्रथा को बैन कर दिया है और अब भारत जैसे देश में भी यह लागू नहीं रह सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है।

कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया : नरेंद्र मोदी

संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'एक पुरातन और मध्यकालीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान तक ही सीमित हो गई है! संसद ने ट्रिपल तालक को समाप्त कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के लिए की गई ऐतिहासिक गलती को सही किया। यह जेंडर जस्टिस की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी। आज भारत खुश है।'

पीएम ने कहा, 'पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।'

खाली कुर्सियों ने मोदी सरकार की करी राह आसान

तीन तलाक के खिलाफ राज्यसभा में वोटिंग के दौरान इन खाली कुर्सियों ने मोदी सरकार की राह आसान कर दी। विपक्ष में सेंध लग गई और मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल पर बहुमत नहीं होने का बाद भी राज्सभा का रोड़ा पार कर लिया। विपक्ष के करीब 20 सांसद वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहे। टीआरएस के 6, टीडीपी के 2 और बीएसपी के 4 सांसदों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी बीजेडी ने सरकार का साथ दिया।

तीन तलाक पर कानून का विरोध कर रहे सहयोगी एआईएडीएमके और जेडीयू ने वॉकआउट कर सरकार की मदद की। वहीं शरद पवार, जेठमलानी, प्रफुल्ल पटेल जैसे बड़े नेता भी गैरहाजिर रहे। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि कांग्रेस पार्टी के भी पांच सांसद गैरहाजिर रहे। कांग्रेस के जो पांच सदस्य व्हिप जारी होने के बावजूद गैर हाजिर रहे उनमें विवेक तन्खा, प्रताप सिंह बाजवा, मुकुट मिथी और रंजीब बिस्वाल के अलावा संजय सिंह भी हैं। संजय सिंह ने कल ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

तीन तलाक की प्रमुख बातें


- तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया

- शिकायत पर पुलिस बिना वारंट के ही आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है

- तीन तलाक केस अगर अदालत में साबित हो गया तो पति को 3 साल की जेल मिलेगी

- मजिस्ट्रेट अब महिला का पक्ष सुने बिना उसके पति को जमानत नहीं दे सकेंगे

- पीड़ित महिला पति गुजारा भत्ते का दावा कर सकती है

बिल पास होने पर क्या बोले ओवैसी?

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक बिल को 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से ‘मुस्लिम अस्मिता’ पर हुए कई हमलों के महज एक हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। ओवैसी ने आरोप लगाया कि बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है तथा यह उन्हें और अधिक हाशिए पर धकेलेगा। ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, 'तीन तलाक विधेयक को 2014 से मुस्लिम अस्मिता तथा नागरिकता पर हुए कई हमलों के महज एक हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। भीड़ हिंसा, पुलिस की ज्यादती और बड़े पैमाने पर जेल में डालना हमें नहीं रोक पाएगा। संविधान में हमारा दृढ विश्वास है। हमने अत्याचार, नाइंसाफी और अधिकारों से वंचित किये जाने को सहा है।'

बिल बनने से आगे क्या होगा?

तीन तलाक बिल के राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति इसपर दस्तखत करेंगे और जब तीन तलाक कानून अमल में आ जाएगा। कानून बनने के बाद एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना, चिट्ठी से तीन तलाक देना, व्हट्सऐप से तीन तलाक देना, फोन पर तीन तलाक देना और ईमेल से तीन तलाक देना अपराध होगा। इसके लिए पति को अधिकतम 3 साल की सजा होगी, जेल के साथ पति को जुर्माना भी होगा।

तीन तलाक के खिलाफ पीड़ित या परिवार के सदस्य ही दर्ज केस करा सकेंगे। एफआईआर दर्ज होने पर बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकेगी, इसके साथ ही आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी। पत्नी का पक्ष जानने के बाद मजिस्ट्रेट जमानत देंगे, मजिस्ट्रेट को सुलह कराने का अधिकार भी होगा। तीन तलाक का केस दर्ज होने बाद फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में रहेगा। इसके साथ ही पति को पत्नी और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता देना होगा।

मुरादाबाद में सड़क पर एक महिला बन गई तीन तलाक का शिकार

जहां एक और मंगलवार को राज्यसभा तीन तलाक को हमेशा के लिए 'तलाक' देने पर मंथन कर रही थी उसी दौरान मुरादाबाद में सड़क पर चलते-चलते पति ने पत्नी को तीन तलाक बोल दिया। इसके बाद महिला के पति और भाई के बीच सड़क पर जमकर मारपीट हुई। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची सिविल लाइन पुलिस दोनों को थाने ले गई। महिला की शिकायत पर एनसीआर दर्ज की गई है।