कोलकाता। कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले के दोषी संजय रॉय ने सोमवार को अदालत के समक्ष अपनी बेगुनाही का दावा किया, जब न्यायाधीश ने पूछा कि क्या उसे सजा की मात्रा के बारे में कुछ कहना है। नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को शनिवार (18 जनवरी) को सीबीआई अदालत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ 9 अगस्त, 2024 को बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया।
रॉय ने अदालत में कहा, मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया है। मैंने आपको पहले भी बताया था कि मैं हमेशा रुद्राक्ष की चेन पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता, तो यह चेन घटनास्थल पर ही टूट जाती। मुझे बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने मुझे कई कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। आपने यह सब देखा है, सर। मैंने आपको पहले भी बताया था।
रॉय के बयानों का जवाब देते हुए जज ने कहा, मैंने आपको मुझसे बात करने के लिए लगभग आधा दिन दिया था। मैंने तीन घंटे तक आपकी बात सुनी। मेरे सामने पेश किए गए सभी आरोपों, सबूतों, दस्तावेजों और गवाहों की जांच की गई है और इनके आधार पर मैंने आपको दोषी पाया है। आप पहले ही दोषी साबित हो चुके हैं। अब, मैं सिर्फ़ सज़ा के बारे में आपके विचार सुनना चाहता था। आपके परिवार में कौन-कौन है? क्या वे आपसे संपर्क में रहते हैं?
अपने परिवार के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए संजय रॉय ने कहा, नहीं सर। मैं जेल में हूं। वे कभी मुझसे मिलने नहीं आते। सीबीआई के वकील ने इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की।
सीबीआई के वकील ने कहा, यह दुर्लभतम मामला है। पीड़िता एक मेधावी छात्रा थी और समाज के लिए एक संपत्ति थी। इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। माता-पिता ने अपनी बेटी खो दी है। अगर डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या कहा जा सकता है? केवल मृत्युदंड ही समाज में विश्वास बहाल कर सकता है। हमें न्याय प्रणाली में समाज का विश्वास बहाल करना चाहिए।
ताजा जानकारी के अनुसार, न्यायाधीश अनिरबन दास दोपहर 2:45 बजे सजा की घोषणा करेंगे।
सीबीआई अदालत ने संजय रॉय पर धारा 64 (बलात्कार), धारा 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और धारा 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए। इन धाराओं के तहत न्यूनतम सजा में कम से कम 10 साल का कठोर कारावास शामिल है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि अधिकतम सजा मृत्युदंड है।
महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव 9 अगस्त, 2024 को तड़के अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में मिला था। कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अपराध के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था।
कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय की पहचान पीड़ित के शव के पास मिले ब्लूटूथ इयरफ़ोन से की। सीसीटीवी फुटेज में रॉय को गले में डिवाइस लटकाए सेमिनार हॉल में घुसते हुए देखा गया। इस घटना के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और हज़ारों लोगों ने आक्रोश जताया।