कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध के बारे में 5 अनसुनी बाते, जिन्हें जानकर हैरान रह जाएंगे आप

26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत ने पकिस्तान द्वारा छेड़े छद्म युद्ध का अंत हुआ था। घोषित रूप से भारत की इस युद्ध में जीत हुई थी। कारगिल युद्ध 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। 8 मई 1999 को पाकिस्तानी आर्मी और आतंकियों की घूसपैठ के बाद इस लडाई की शुरुआत हुई थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी रेंजर्स को मुहतोड़ जबाब देते हुए 26 जुलाई 1999 को कारगिल में तिरंगा लहरा कर इस लड़ाई को समाप्त किया था। देशभर में कारगिल युद्ध जीत की खुशी में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध के 5 ऐसे अन सुने सच जिन्हें जानकार आपको हैरानी होगी

1. कारगिल युद्ध दुनिया सबसे हाईऐल्स पेटोल फील्ड में लडी गई जंग में से एक है। ऑफिशिलय फिगर के मुताबिक, इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना के 527 जवान शहीद और 1363 जवान घायल हुए थे। ऑपरेशन विजय की जिम्मेदारी करीब 2 लाख जवानों को सौपी गई थी।

2. भारतीय सेना की कार्रवाही के दौरान मारे गए घुसपैठियों की तलाशी ली गई तो उनके पास पाकिस्तानी आईडी प्रूफ निकलें। कारगिल के युद्ध के दौरान के मारे गए ज्यादातर जवान नोर्थन लाइट इंट्री के थे जो की पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स थी। जिनको 1999 की लडाई के बाद पाकिस्तान की रेगुलर रेजिमेंट में बदल दिया गया।

3. कारगिल बोर में पाकिस्तान के 357 सैनिक मारे गए थे। लेकिन अनकंफर्म फिगर के मुताबिक भारतीय सेना की कार्रवाही में करीब 3 हजार सैनिकों की जान चली गई थी। भारतीय सेना ने लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सैनिक और मिजाईदीन सहित पहाड़ियों पर कब्जा जमाए हुए आतकियों को मार गिराया था। आईएसआई के पर्व अधिकारी शाहिद अजीद ने माना था कि इस लड़ाई में पाकिस्तानी सैनिक भी मौजूद थे।

4. पाकिस्तानी न्यूज पेपर उर्दू डेली में छपे एक बयान के मुताबिक पाकिस्तान के पर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस माना था कि कारगिल बोर पाकिस्तानी आर्मी के लिए एक ट्रजरी साबित हुआ। नवाज ने इस बात को भी माना पाकिस्तान ने इस लड़ाई में करीब 2700 सैनिक खो दिए।

5. कारगिल सेक्टर में लड़ाई शुरू होने से पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने 28 मार्च 1999 को एक हेलीकॉप्टर से एलओसी पार की थी और भारतीय सीमा में करीब 11 किलोमीटर अंदर तक आकर एक जगह पर रात बिताई थ

युद्ध की अवधि : 74 दिन

युद्ध क्षेत्र : 520 किलोमीटर

भारतीय सैनिकों की तैनाती : 20,000

पाक घुसपैठिये : 1500

शहीद हुए भारतीय सैनिक : 500 से अधिक

मारे गए घुसपैठिये : 696 से अधिक

कुल खर्च : 5000 करोड़ रुपये