‘छम्मकछल्लो’ से अगर आप किसी महिला को संबोधित करते हैं, तो आपको आइपीसी की धारा 509 के तहत कैद हो सकती है। छम्मकछल्लो’ का इस्तेमाल बॉलीवुड के गाने में तो आपको लुभावना लग सकता है, लेकिन असली जिंदगी में इस शब्द का इस्तेमाल करने पर आप कानूनी परेशानी में फंस सकते हैं। ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि इस शब्द का इस्तेमाल करना 'एक महिला का अपमान करने' के बराबर है।
एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह ठाणे, पीटीआइ शहर के एक निवासी को 'अदालत के उठने तक' साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उसपर एक रुपये का जुर्माना लगाया था। आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था।
पड़ोसी महिला की शिकायत के अनुसार, 9 जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान उक्त आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को 'छम्मकछल्लो' कहकर पुकारा। इस शब्द से गुस्साकर महिला ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। तब महिला ने अदालत का रुख किया लगभग 8 साल बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने उनके मामले को उचित ठहराते हुए कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराध किया है। मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, 'यह एक हिंदी शब्द है। अंग्रेजी में इसके लिए कोई शब्द नहीं है। भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है।
आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है, इससे महिला को चिढ़ होती है और उसे गुस्सा आता है।' मजिस्ट्रे ट लंगाले ने यह कहने के बाद आरोपी को दोषी ठहराया और उसे कैद की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माने के तौर पर एक रुपया देने को कहा।