काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को दोषी करार, जाने केस से जुड़ी पूरी कहानी

काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को दोषी करार दिया गया है। मामले में अन्य सभी सह- आरोपियों को जोधपुर की स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया है। जोधपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने वर्ष 1998 में हुई इस घटना के संबंध में बीते 28 मार्च को मामले की सुनवाई पूरी हो जाने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आइए आपको बताते हैं केस से जुड़ी पूरी कहानी...


- यह घटना ‘हम साथ साथ है’ फिल्म की शूटिंग के दौरान दो अक्टूबर 1998 की है। राजश्री फिल्म्स की फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान पर काले हिरण का शिकार करने का मामला दर्ज किया गया था। साथ ही इस केस में सलमान को उकसाने के लिए सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे का नाम भी शामिल है।

- शूटिंग के दौरान सलमान समेत अन्य आरोपी जिप्सी पर घूमने के लिए चल दिए थे। जोधपुर के पास कांकाणी गांव में पहुंचने पर काले हिरणों का झुंड दिखा। सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी कि सलमान ने गोली चलाई और उनमें से दो हिरण मार दिये थे।

- 2 अक्तूबर 1998 को बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया।

-12 अक्तूबर 1998 को सलमान को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई।

-10 अप्रैल 2006 को ट्रायल कोर्ट ने चिंकारा शिकार केस में सलमान को दोषी ठहराया गया और उन्हें 5 साल की सजा दी गई।

-सलमान के केस से जुड़े होने की वजह से यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ था। सुनवाई के दौर के बीच 31 अगस्त 2007 को राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। इसके बाद सलमान की मुश्किलें और बढ़ गई क्योंकि उन्हें एक हफ्ता जोधपुर जेल में बिताना पड़ा था। हालांकि, उन्हें बरी कर दिया गया था।

-इसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच ने 24 जुलाई 2012 काले हिरण के शिकार मामले में भी सलमान समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और इस मामले में भी ट्रायल शुरू हो गया।

-9 जुलाई 2014 को राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खान को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सलमान की सजा को सस्पेंड किया गया था।

-25 जुलाई 2016: राजस्थान हाई कोर्ट ने घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि इसके सबूत नहीं हैं कि सलमान की लाइसेंसी बंदूक से ही शिकार किया गया।

-19 अक्टूबर 2016: राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। दरअसल 18 अक्टूबर 2016 को इस मामले में 10 साल से लापता गवाह हरीश दुलानी सामने आ गया। दुलानी ने दावा किया वह अपने पुराने बयान पर कायम है कि उसने सलमान को शिकार करते देखा है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दुलानी के इसी बयान को आधार बनाया।

-11 नवंबर 2016: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक करने के राजी हो गया।

-15 फरवरी 2017: सलमान खान के वकील ने सबूत पेश करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 27 जनवरी को बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान सलमान खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए सबूत पेश करने की इच्छा जताई थी। बाद में उनके वकील ने कहा कि सबूत पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बेकसूर बताए जाने वाले सारे सबूत कोर्ट में पहले ही पेश किए जा चुके हैं। तब एक मार्च से इस मामले का ट्रायल शुरू होना था।