अलवर में गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने पीट-पीट कर अकबर नाम के व्यक्ति की जान ले ली। जांच से इस बात का खुलासा हुआ है कि इस पुरे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पुलिस पीड़ित अकबर को घायल हालत में अस्पताल ले जाने से पहले घंटों तक घुमाती रही। इतना ही नहीं पुलिस ने घायल अकबर को पीटा भी था। जिसके कारण उसकी जान चली गई। मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार पुलिस को देर रात 12:41 बजे घटना की सूचना मिली और पुलिस 1:20 बजे वहां पहुंची। पुलिस के साथ गए नवल किशोर के अनुसार पुलिसवालों ने घायल के शरीर को धोया क्योंकि वह कीचड़ से सना था, उसके बाद उन्होंने कई अन्य काम किए। उनका पहला पड़ाव नवल किशोर का घर था, जहां से उन्होंने गाड़ी का इंतजाम किया ताकि गायों को स्थानीय गोशाला ले जाया जा सके।
इसके बाद पुलिस जब्त की गई गायों को गोशाला ले गई, फिर पुलिस थाने गई और यहां तक कि चाय पीने के लिए भी रुकी। अस्पताल पहुंचने तक अकबर की जान जा चुकी थी।
पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाई को देखते हुए मामले की जांच सीनियर अफ़सर को सौंप दी गई है। एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी अब इस मामले की जांच करेंगे यानी स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आने के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ से जांच छीन ली गई है। आईजी के मुताबिक, इस पहलू की भी जांच की जाएगी कि आख़िर पुलिस ने रकबर को अस्पताल ले जाने में इतनी देर क्यों कर दी?
परिवार में अकेला कमाने वाला था अकबर राजस्थान के अलवर में शुक्रवार को पशुतस्करी के आरोप में जिस शख्स की हत्या कर दी गई है वह अपने परिवार के लिए रोटी कमाने वाला अकेला शख्स था। भीड़ के हमले में जान गंवाने वाला रकबर खान हरियाणा के मेवात जिले का रहने वाला था। अब उसके आश्रितों के सामने जीने का संकट आकर खड़ा हो गया है। रकबर के घर में पत्नी, माता-पिता और सात बच्चे हैं।
अकबर खान के रिश्तेदारों ने बताया कि वह गांव में ही डेरी का बिजनेस शुरू करना चाहता था। इसके लिए वह कुछ लोगों से कर्ज भी लिया था। रकबर अपने दोस्त असलम के साथ राजस्थान के अलवर जिले के लालवंडी गांव दो गाय खरीदने गया था ताकि वह अपने डेरी कारोबार को और बड़ा कर सके।
शनिवार को गांव लौटे असलम ने अकबर के घरवालों को बताया कि वह अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों में छिप गया जबकि अकबर पर भीड़ ने हमला बोल दिया। असलम ने बताया कि दोनों लोग अकबर की मोटरसाइकिल में शाम पांच बजे गांव से निकले थे और रात को लालवंडी गांव पहुंचे थे। अकबर ने उसे यह बोलकर साथ ले गया था कि दो गाय खरीदने जाना है। उन लोगों के पास दो बछड़े पहले से थे।
दोनों वहां 60 हजार रुपए में दो गाय खरीदीं। अकबर गायों के पीछे - पीछे चल रहा था जबकि असलम मोटरसाइकिल पर किनारे -किनारे चल रहा था। तभी एक फायर की आवाज सुनाई दी और कुछ लोग यह कहते हुए उनके पीछे दौड़े कि कोई गाय चुराकर लिए जा रहा है। असलम के अनुसार, लोग उनकी ओर आ रहे थे तो वह डर के मारे खेतों में छुप गया, लेकिन अकबर गायों को पकड़कर चल रहा था तो वह नहीं भागा। असलम ने बताया कि अंधेरे के कारण वह लोगों को पहचान तो नहीं सकता लेकिन उनकी आवाज पहचान सकता है क्योंकि वह बहुत जोर-जोर से उन्हें गाली दे रहे थे। उसने बताया कि वह शनिवार की सुबह तक वह खेतों में छुपा रहा और सुबह होने पर दूसरे वाहन में लिफ्ट मांगकर अपने गांव पहुंचा।
अकबर की हत्या में तीन गिरफ्तारराजस्थान पुलिस ने रकबर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बातया कि तीन संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने तीनों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मृतक अकबर का परिवार आरोपी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है।