अब प्राइवेट कंपनियां चलाएंगी ट्रेन, यात्रियों को मिलेगी बेहतर सर्विस!

मोदी सरकार यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए ट्रेनों की कमान अब निजी हाथों में सौपने की योजना बना रही है। रेल मंत्रालय ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार के सत्ता में लौटने के बाद रेलवे ने तैयार किए अपने इस प्लान में प्रीमियम ट्रेन के परमिट देने की योजना को शामिल किया है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रेनों की निजीकरण की शुरुआत शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों से होगी। रेलवे के मुताबिक ट्रेनों के निजीकरण से यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। रेल मंत्रालय का कहना है कि इससे रेलवे का खर्च कम होगा और यात्रिओं को बेहतर सर्विस भी मिलेगी।

टेंडर के जरिए होगा निजी कंपनियों का चुनाव

निजी कंपनियों का चुनाव टेंडर प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय इन कंपनियों को परमिट जारी करेगा। हालांकि रेल के डिब्बों और इंजन की जिम्मेदारी रेलवे की होगी, लेकिन स्टॉफ समेत सुविधाओं का जिम्मा निजी कंपनी पर होगा।

रेलवे बोर्ड योजना के लिए मसौदा तैयार कर रहा है। किराये की ऊपरी सीमा रेलवे तय करेगा। कंपनी तय किराए से अधिक वसूल नहीं कर पाएगी।

पहले माना जा रहा था कि रेलवे को ट्रेनों का निजीकरण करने के लिए रेग्युलेटर बनाना अनिवार्य होगा, लेकिन अब रेलवे ने जिस तरह का संकेत दिया है कि उससे लग रहा है कि रेग्युलेटर नियुक्त करने से पहले भी इस प्लान को लागू किया जा सकता है।