मॉस्को । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सोमवार से रूस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, मॉस्को पहुँच गए हैं। वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को पहुँचे हैं। फरवरी 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने पीएम मोदी की अगवानी की। मंटुरोव उस उप प्रधानमंत्री से वरिष्ठ हैं, जिन्होंने रूस यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति की अगवानी की थी। एक दुर्लभ इशारे में, रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री मंटुरोव भी उसी कार में पीएम मोदी के साथ हवाई अड्डे से होटल तक जाएंगे।
2019 के बाद से यह उनकी पहली रूस यात्रा है और 2015 के बाद से यह उनकी पहली मॉस्को यात्रा है।
प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच आज मुलाकात होगी। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को मॉस्को में एक सामुदायिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले, प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए उत्साह व्यक्त किया। इससे पहले, प्रवासी भारतीयों की एक सदस्य साविका ने कहा, मैं बहुत उत्साहित हूं। मैंने उन्हें (प्रधानमंत्री मोदी) केवल टीवी पर देखा है और यह पहली बार होगा जब मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से देखूंगी और मुझे बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं।
मॉस्को में भारतीय समुदाय के युवा सदस्यों ने भी वंदे मातरम के नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले उनका उत्साहवर्धन किया। 11 साल से वहां रह रही एक अन्य छात्रा अंशिका सिंह ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से मिलकर बहुत सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रही हूं। तमिलनाडु की रहने वाली सिद्धू 17 साल से यहां रह रही हैं और उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत उत्साहित हूं और मैं भारतीय दूतावास का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने हमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का मौका दिया। मॉस्को में 11 साल से रह रहे अबीर इम्तियाज ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है।
मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूँ कि हमारे प्रधानमंत्री मॉस्को आ रहे हैं और हमें उनसे मिलने का मौका मिला है। बिहार के मुजफ्फरपुर की दीपाली चौधरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के लिए पेंटिंग लेकर आई हैं। मैं मास्को में उनका गर्मजोशी से स्वागत करती हूँ और मुझे उम्मीद है कि वह रूस में अपना समय आनंद से बिताएँगे। एएनआई से बात करते हुए, यूपी की रहने वाली अनन्या राय ने कहा कि वह 10 साल से रूस में रह रही हैं। उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए वास्तव में उत्साहित हूँ। यह पहला अवसर है जो मुझे दूतावास के साथ-साथ स्कूल से प्रधानमंत्री से मिलने का मिला है।
नई दिल्ली से रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार सितंबर 2019 में व्लादिवोस्तोक में 5वें पूर्वी आर्थिक शिखर सम्मेलन के इतर आयोजित 20वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए रूस का दौरा किया था। उस समय वो मुख्य अतिथि थे।
तब से बहुत कुछ बदल गया है। साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई, इसके बावजूद भारत-रूस विशेष साझेदारी दुनिया के सामने आने वाली कई भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर मजबूत बनी हुई है।
नई दिल्ली ने मॉस्को के साथ एक स्थिर संबंध बनाए रखा है, जबकि पीएम मोदी ने बार-बार जोर देकर कहा है कि मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता और शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है।
सोमवार को रूस के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा, हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए एक सपोर्टिंग रोल निभाना चाहते हैं।
रूस के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के सम्मान में एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया है। इस दौरान दोनों नेता आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी दौरे के अगले दिन यानी मंगलवार को भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे, क्रेमलिन में सैनिकों की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और उसके बाद मॉस्को में एक प्रदर्शनी स्थल पर रोसाटॉम मंडप का दौरा करेंगे।
इन मुलाकातों के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच एक वार्ता होगी, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पिछले हफ्ते कहा था, रूसी सेना की सेवा में गुमराह किए गए भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा भी पुतिन के साथ चर्चा में शामिल होने की उम्मीद है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार में 2023-24 में तेज वृद्धि देखी गई है और तब से यह 65 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है, जिसका मुख्य कारण दोनों देशों के बीच मजबूत ऊर्जा सहयोग है।
भारतीय विदेश सचिव ने कहा, दोनों देशों के बीच निवेश संबंध भी बढ़ रहे हैं, जिसमें ऊर्जा, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात के क्षेत्र शामिल हैं। रूस भारत की ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण साझेदार बना हुआ है। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 1 और 2 पहले ही चालू हो चुकी हैं। और इकाई 3 और 6 पर काम प्रगति पर है।
मॉस्को की यात्रा समाप्त करने के बाद पीएम मोदी मंगलवार को ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे जो 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा होगी।