ओमिक्रॉन को बूस्टर से नहीं रोका जा सकता, नई वैक्सीन संक्रमण से बेहतर सुरक्षा देगी: एक्सपर्ट

कोविड की वैक्सीन को बार-बार बूस्टर डोज के तौर पर देना नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर रणनीति नहीं है। इसकी जगह नई वैक्सीन दी जानी चाहिए, जो संक्रमण से बेहतर सुरक्षा दे सके। यह कहना है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और और इंडियन एक्सपर्ट का। कोरोना वैक्सीन कम्पोजीशन पर WHO के टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप का कहना है कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन उन लोगों पर कम प्रभावी दिखाई दे रही हैं, जो कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हैं। संक्रमण और उसे फैलने से रोकने में प्रभावी कोरोना वैक्सीन को डेवलप किया जाना चाहिए, ताकि संक्रमण गंभीर न हो और मौतों को रोका जा सके। जब तक ऐसी वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती हैं, तब तक मौजूदा कोविड वैक्सीन को अपडेट किया जाना चाहिए।

ICMR के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी की साइंटिफिक एडवाइजरी कमेटी के चेयरपर्सन डॉ जयप्रकाश मुलियिल का कहना है कि बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन वैरिएंट को रोका नहीं जा सकता है और इससे सभी संक्रमित होंगे। एनडीटीवी से बात करते हुए डॉ। मुलियिल का कहना है कि ओमिक्रॉन हल्का है और इसमें हॉस्पिटलाइजेशन का रेट भी काफी कम है। इससे निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हममें से ज्यादातर लोगों को यह भी नहीं पता कि वे संक्रमित हो चुके हैं। संभवतः 80% से ज्यादा लोगों को यह नहीं पता चला होगा कि उन्हें कब संक्रमण हुआ।

उन्होंने कहा, 'किसी मेडिकल संस्थान ने बूस्टर डोज की सलाह नहीं दी। यह बूस्टर डोज महामारी की स्वाभाविक प्रक्रिया को नहीं रोक सकती है। किसी भी गवर्नमेंट बॉडी ने बूस्टर की सलाह नहीं दी है। जहां तक मेरी जानकारी है, प्रिकॉशनरी डोज की सलाह दी गई है। इसकी वजह वह रिपोर्ट हैं, जिनमें कहा जा रहा था कि 60 साल के ऊपर के लोगों में 2 डोज के बाद भी संक्रमण से लड़ने की क्षमता नहीं विकसित हो रही है।'

कोरोना टेस्टिंग को लेकर कही ये बात

कोरोना टेस्टिंग पर उन्होंने कहा, 'इसी तरह से किसी कोरोना पेशेंट के संपर्क में आए बिना लक्षणों वाले व्यक्ति की टेस्टिंग भी ठीक नहीं है। संक्रमण दो दिन में दोगुना हो जा रहा है यानी जब तक टेस्ट में इसकी मौजूदगी का पता चलता है, तब तक संक्रमित व्यक्ति काफी लोगों में संक्रमण फैला चुका होता है। जब आप टेस्ट करते हैं, तो भी आप काफी पीछे रह जाते हैं। यह ऐसी चीज नहीं है, जिसका महामारी के आकलन पर कोई असर पड़े।'

लॉकडाउन को लेकर कही ये बात


लॉकडाउन के मसले पर डॉ मुलियिल ने कहा, 'हम बहुत लंबे वक्त तक अपने घरों में बंद नहीं रह सकते। हम लगातार यह बात कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले काफी हल्का है। 85% भारतीय तो कोरोना से तभी संक्रमित हो चुके थे, जब भारत में वैक्सीन लाई गई थी। तो भारत में वैक्सीन की पहली डोज दरअसल पहली बूस्टर डोज थी, क्योंकि भारतीयों में इन्फेक्शन की वजह से स्वाभाविक तौर पर इम्युनिटी पैदा हो चुकी थी।'

भारत में तेजी से बढ़ेगा संक्रमण

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट बेहद संक्रामक है और भारत में आने वाले दिनों में तेजी से केस बढ़ेंगे। अगर वैक्सीनेशन पूरा होता है और कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया जाता है तो महामारी का असर रोका जा सकता है।

बीते दिन मिले 1 लाख 93 हजार मरीज

देश में पिछले 24 घंटे में 1 लाख 93 हजार नए कोरोना संक्रमित पाए गए। 60,182 लोग ठीक हुए और जबकि 442 लोगों की मौत हुई है। इस तरह एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 1 लाख 33 हजार 318 की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस वक्त 9.48 लाख कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। देश में एक्टिव केस में भी 1.32 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तीसरी लहर में एक्टिव केस पहली बार 9 लाख के पार पहुंचे हैं। वहीं, नए संक्रमितों 25 हजार की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे पहले सोमवार को 1.69 लाख लोग संक्रमित मिले थे। देश में अब कुल 3.60 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 3.46 करोड़ लोग रिकवर हो चुके हैं। अब तक 4,84,655 लोगों की मौत हो चुकी है।