बोली लगाने के बाद फसल लेने से मुकरा व्यापारी, किसान ने की आत्महत्या, सदमे में छोटे भाई को हार्ट अटैक

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 28वां दिन है। सरकार ने बातचीत के न्योते की जो चिट्ठी रविवार रात भेजी थी, उसका जवाब किसान आज देंगे। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार बात नहीं करना चाहती, क्योंकि उनके मन में खोट है। देश में चल रहे नए कृषि कानूनों के विरोध के बीच महाराष्ट्र के अमरावती से बेहद ही चौकने वाली बात सामने आई है। यहां संतरा उत्पादक किसान परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई। पहले बड़े भाई अशोक भूयार ने आत्महत्या की और जब अंतिम संस्कार से छोटा भाई वापस आ रहा था तब उसे दिल का दौरा पड़ गया।

आत्महत्या से पहले अशोक भूयार ने राज्य सरकार में मंत्री बच्चू कडू को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें मदद की गुहार लगाई गई थी। बच्चू कडू महाराष्ट्र सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री हैं, जिनकी गिनती क्षेत्र के बड़े किसान नेता के तौर पर होती है। बीते दिनों बच्चू कडू किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली भी आए थे।

किसान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संतरे की बोली लगाने वाले व्यापारी ने ऐन वक्त पर सामान लेने से इनकार कर दिया। जब किसान ने सवाल किया तो उसे पहले शराब पिलाई और फिर जमकर पिटाई की।

किसान अशोक भूयार ने इस मामले की शिकायत की। परिवार का आरोप है कि जब किसान पुलिस स्टेशन में शिकायत करने गया तो थानेदार ने भी उसकी पिटाई की, जिसके बाद किसान ने आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या के बाद गांव वालों ने और उनके परिजनों ने थाने में खूब हंगामा किया। थानेदार और बीट जमादार पर कार्रवाई की मांग की है।

आपको बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र समेत देश के अन्य इलाकों से इस प्रकार के मामले सामने आए हैं। जहां किसान ने फसल में हुए नुकसान के बाद इस तरह का कदम उठाया है। ये घटना तब हुई है जब दिल्ली की सड़कों पर हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र के भी कई जिलों से किसान संगठन इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं।

आज किसान दिवस

वहीं, आपको बता दे आज किसान दिवस है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों को शुभकामनाएं दी हैं। राजनाथ ने कहा कि किसान देश को खाद्य सुरक्षा देते हैं। कुछ किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता से बात कर रही है। उम्मीद है कि वे जल्द आंदोलन खत्म करेंगे। टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान ने कहा- किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें, क्योंकि आज का किसान पढ़ा-लिखा है। उन्हें इन कानूनों के बारे में पता है।