भारत ने तोड़ी आतंकवाद की कमर, ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-जैश के 5 खतरनाक कमांडर ढेर

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 7 अप्रैल को पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों को सटीक निशाना बनाते हुए जवाबी कार्रवाई की। इस जवाबी प्रहार को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया, जिसके अंतर्गत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 टॉप आतंकवादी कमांडर मारे गए। इनमें जैश सरगना मसूद अजहर का आतंकवादी भाई रऊफ भी शामिल है, जिसकी मौत की पुष्टि पहले ही की जा चुकी है।

ऑपरेशन में मारे गए 5 टॉप आतंकवादी कमांडर

सूत्रों के अनुसार, भारत की इस साहसिक कार्रवाई में जैश और लश्कर से जुड़े 5 प्रमुख आतंकवादी ढेर हुए हैं। लश्कर का टॉप कमांडर मुदस्सर कादियान उर्फ अबू जंदाल और जैश का प्रमुख खालिद उर्फ अबू अक्सा इस ऑपरेशन में मारे गए। इनके अतिरिक्त, जैश का वरिष्ठ सदस्य हाफिज मोहम्मद जमील, मसूद अजहर का बहनोई और कुख्यात आतंकवादी मोहम्मद यूसुफ अजहर तथा मोहम्मद हसन भी इस हमले में ढेर कर दिए गए। इन सभी का गहरा संबंध लश्कर और जैश जैसे खूंखार आतंकी संगठनों से रहा है।

रऊफ - कंधार विमान अपहरण का मास्टरमाइंड भी मारा गया

जैश सरगना मसूद अजहर का भाई रऊफ, जो कि लश्कर का भी टॉप कमांडर था, इस ऑपरेशन में मारा गया। रऊफ भारत की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में 19वें स्थान पर था और कंधार विमान अपहरण कांड का मास्टरमाइंड था। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए, जिनकी मौत की पुष्टि खुद मसूद अजहर ने मीडिया के सामने की थी। उसने यहाँ तक कहा कि काश मैं भी मर गया होता।

मारे गए हर एक आतंकी की पूरी जानकारी

1. मुदस्सर खादियन खास (लश्कर-ए-तैयबा)

यह आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित मरकज तैयबा का प्रभारी था और ऑपरेशन के समय वहीं मौजूद था। पाकिस्तान से मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, अबू जुंदाल के अंतिम संस्कार में उसे पाकिस्तानी सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अंतिम संस्कार में पाक सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री (मरियम नवाज) की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। नमाज़ एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई गई, जिसका नेतृत्व जमात-उद-दावा के हाफ़िज़ अब्दुल रऊफ़ (एक नामित वैश्विक आतंकवादी) ने किया। समारोह में एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी भी शामिल हुए।

2. हाफ़िज़ मुहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)

यह आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा बहनोई था। ऑपरेशन के दिन जमील बहावलपुर स्थित अपने घर में सो रहा था। उसे मरकज सुभानअल्लाह की जिम्मेदारी दी गई थी और वह जैश के लिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित करने और धन इकट्ठा करने में सक्रिय रूप से शामिल था।

3. मोहम्मद यूसुफ अजहर (जैश-ए-मोहम्मद)

मसूद अजहर का साला, जिसे उस्ताद और मोहम्मद सलीम के नाम से भी जाना जाता था। जैश के मदरसे में वह हथियारों की ट्रेनिंग देता था। जम्मू के कई आतंकी हमलों और आईसी-814 विमान अपहरण मामले में उसकी संलिप्तता पाई गई थी।

4. खालिद उर्फ अबू आकाश (लश्कर-ए-तैयबा)

यह आतंकी अफगानिस्तान से हथियारों की आपूर्ति करता था और हमले के दिन अपने घर में था। उस पर जम्मू में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था। उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।

5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)

यह आतंकी पीओके में जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की योजना और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।