तीसरी लहर में Omicron ने इन लोगों को बनाया अपना शिकार, केंद्र सरकार ने जारी की रिपोर्ट

देश में इस समय कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। तीसरी लहर के पीछे कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट है। ऐसे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि तीसरी लहर में अस्‍पतालों में भर्ती मरीजों की औसत आयु 44 वर्ष रही जबकि इससे पहले की लहरों में यह आंकड़ा 55 साल का था। महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट ही कारण था। अस्‍पतालों में भर्ती 1520 मरीजों पर हुए सर्वे में यह पता चला है कि ज्‍यादातर को गले में खराश की समस्‍या हुई और इस लहर में दवाओं का इस्‍तेमाल पहले की तुलना में कम हुआ। सर्वे के लिए 37 अस्‍पतालों के डेटा का विश्‍लेषण किया गया। इसमें पता चला कि मरीजों की औसत आयु 44 साल और सबसे अधिक आम समस्‍या या लक्षण गले में खराश को माना गया। पहले की लहरों में संक्रमित आबादी के वर्ग की औसत आयु 55 साल थी। यह निष्कर्ष कोविड-19 की नेशनल क्लिनिकल रजिस्ट्री से निकला है, जिसमें 37 मेडिकल सेंटर्स में भर्ती मरीजों के बारे में डेटा एकत्र किया गया था।

महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि इस सर्वे के लिए दो अलग-अलग समय अवधि को चुना गया। इसमें पहली अवधि 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक की थी, जब माना जाता है कि डेल्टा वैरिएंट हावी था। दूसरी अवधि 16 दिसंबर से 17 जनवरी तक की थी, समझा जाता है कि तब ओमिक्रॉन के ज्यादा मामले आ रहे थे।’

महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि सर्वे में पता चला कि तीसरी लहर के दौरान दवाएं काफी कम इस्‍तेमाल की गईं। इसके साथ ही सांस संबंधी गंभीर बीमारी, किडनी फेल होना और अन्‍य बीमारियों के संबंध में जटिलताएं भी कम रहीं। आंकड़ों के विश्‍लेषण के अनुसार वैक्‍सीनेशन वाले लोगों में मृत्‍यु दर 10% और बिना वैक्‍सीनेशन वाले लोगों में यह 22% रही।

बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्‍सीनेशन करा चुके 10 में से 9 लोग पहले से कई रोगों से ग्रस्‍त थे, जिनकी मृत्‍यु हुई। बिना टीकाकरण वाले मामले में 83% लोग पहले से कई रोगों से पीड़ित थे। उन्‍होंने बताया कि बिना टीकाकरण (11.2%) की तुलना में टीकाकरण (5.4%) कराने वालों में वेंटिलेशन की जरूरत बहुत कम थी।