नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर आम सहमति बनाने में विफल रहे। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक का हिस्सा ये पार्टियां अकेले चुनाव लड़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, आप कम से कम 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी के लिए तीन से ज़्यादा सीटें छोड़ने को तैयार नहीं थी।
पिछले हफ़्ते, दोनों पार्टियों ने हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ने के लिए सैद्धांतिक सहमति बनाई थी। पिछले कुछ दिनों में कई स्तरों पर चर्चा हुई, जिसके दौरान कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया, जो गठबंधन वार्ता के लिए पार्टी के वार्ताकार हैं, ने कहा कि गठबंधन तभी संभव होगा जब यह दोनों पार्टियों के लिए जीत-जीत की स्थिति पैदा करेगा।
सूत्रों ने बताया कि आप कलायत सीट और कुरुक्षेत्र क्षेत्र में कम से कम एक सीट पर जोर दे रही थी।
आप ने जारी की 20 उम्मीदवारों की पहली सूचीकांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत के विफल हो जाने की सम्भावना को देखते हुए ही आप ने जारी अपने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा ऐसे समय में की, जब आप और कांग्रेस दोनों ने संकेत दिया कि वे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक के हिस्से के रूप में गठबंधन को जारी रखते हुए हरियाणा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर गंभीर बातचीत कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की पहल के लिए एक बड़ा झटका है, जिसका उद्देश्य हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा विरोधी वोटों को मजबूत करना है।