भारत को पाकिस्तान नहीं सौंपेगा हाफिज सईद, कहा ऐसी कोई संधि हमारे बीच नहीं

नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आतंकी सरगना हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की भारत की मांग को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से सईद के प्रत्यर्पण की मांग करने वाला अनुरोध मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है। लिहाजा उसका प्रत्यर्पण संभव नहीं है।’’

हालांकि इन मामलों के जानकारों का कहना है कि इस तरह के मसौदा समझौते के अभाव में भी प्रत्यर्पण संभव है। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा (JUD) लश्कर-ए-तैयबा (LET) का मुखौटा संगठन है। लश्कर-ए-तैयबा 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।

भारत में आतंकी हमलों का मास्टर माइंड है सईद

आतंकी हाफिज सईद भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। आतंक के कई मामलों में वह भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान में मौजूद, सईद के प्रत्यर्पण की डिमांड संबंधी दस्तावेजों को हाल ही में इस्लामाबाद भेजा गया था।

भारत ने की है प्रत्यर्पण की माँग

नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस मामले में एक जरूरी सहायक दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को अपनी डिमांड भेजी है। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि जब इस मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया, तो विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सईद के प्रत्यर्पण की मांग करने वाला अनुरोध मिला है।

भारत-पाक के बीच नहीं है प्रत्यर्पण संधि

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में यह ध्यान रखने वाली बात है कि, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है। हालांकि, मामले से जुड़े और जानकार लोगों का मानना है कि इस तरह के फ्रेमवर्क समझौते के अभाव में भी प्रत्यर्पण संभव है। बता दें कि हाफिद सईद एक कट्टरपंथी मौलवी है, जिसे जुलाई 2019 में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) द्वारा उसके और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ दर्ज 23 FIR के बाद गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद अप्रैल 2022 में पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा आतंक वित्तपोषण के दो मामलों में 33 साल की संयुक्त सजा दी गई थी। सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है, जो 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।

भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को “मुख्यधारा में आना” कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी सरकारी नीति का हिस्सा है।

अमेरिका ने रखा है 1 करोड़ डॉलर का इनाम

बता दें कि हाफिज सईद के संगठन पर अमेरिका ने इनाम भी रखा हुआ है। अमेरिका ने हाफिज के संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को भी आतंकी घोषित किया है और उसपर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। आतंकी फंडिंग मामले में उसे जेल में बंद किया गया है।